मानक हिंदी और आम बोलचाल की हिंदी में हम अक्सर लोगों को स्त्रीलिंग-पुल्लिंग संबंधी त्रुटियाँ करते हुए पाते हैं। हिंदी-पट्टी के रचनाकारों के लेखन में भी प्रायः इस प्रकार की ग़लतियाँ पाईं जातीं हैं।
दक्षिण भारत,पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पूर्वोत्तर भारत के लोग भी हिंदी बोलते-लिखते समय स्त्रीलिंग-पुल्लिंग संबंधी त्रुटियाँ करते हैं जो कभी-कभी हास्य पैदा करतीं हैं।
दिल्ली के एक अस्पताल में एक नर्स ने सीधे अपने गृह प्रदेश केरल से आकर नौकरी ज्वाइन की तो उसे आम मरीज़ों की बात समझने के लिए हिंदी सीखने की सलाह दी गई। नर्स ने हिंदी बोलना सीखने में रूचि दिखाई तो सहकर्मी उसे हिंदी-भाषा सिखाने लगे। सर्दी के मौसम में एक दिन नर्स अपनी हिंदी-भाषी सहेली से कहती है- "मेरी होंठ टूट गयी।" (वह कहना चाहती थी- "मेरा होंठ फट गया।")
सुनकर लोग हँसे लेकिन सबने उसकी हिंदी-भाषा सीखने की लगन की तारीफ़ की। पूर्वोत्त्तर और दक्षिण भारत के लोगों को हम अक्सर लिंग (Gender ) संबंधी विपरीत शब्दों का प्रयोग करते हुए पाते हैं। हम अक्सर बातों-बातों में उनकी ये त्रुटियाँ सुधरवाने का प्रयास भी करते हैं। दक्षिण भारतीय या पूर्वोत्तर भारत की नर्स के मुँह से हम अक्सर सुनते हैं-"डॉक्टर गीता आ गया।"..... "डॉ. सुधीर आज नहीं आएगी।"
हम इन ग़लतियों को हल्के-फुल्के तौर पर लेते हैं और कभी-कभी हँस भी लेते हैं। पूर्वोत्तर और दक्षिण भारत में वहाँ की स्थानीय भाषा के साथ अँग्रेज़ी भाषा में प्रमुखतः पढ़ाई होती है अतः हिंदी भाषा का स्त्रीलिंग-पुल्लिंग व्याकरण अँग्रेज़ी भाषा के व्याकरण से अलग होने के कारण ऐसी त्रुटियाँ आम हो गईं हैं।
यहाँ हिंदी भाषा व्याकरण के स्त्रीलिंग-पुल्लिंग को आंशिक रूप से वर्ण पिरामिड के माध्यम से आपके समक्ष प्रस्तुत किया है-
अपवाद -
धातुएँ- ( सोना, ताँबा, लोहा, काँसा, पीतल,पारा,जस्ता आदि ) पुल्लिंग होती हैं लेकिन चाँदी स्त्रीलिंग।
फल-
(अमरुद,आम,अँगूर, संतरा, केला, पपीता, नींबू,बेर,जामुन,चीकू,अनार,सेब,शरीफा (सीताफल), सेव आदि ) पुल्लिंग हैं लेकिन नारंगी, नाशपाती, मौसम्मी, लीची आदि स्त्रीलिंग।
शरीर के कुछ अंग / अवयव- ( हाथ, पैर, माथा, सर, गाल, पेट, बाल, होंठ, नाख़ुन, अँगूठा, घुटना, टखना, तलवा, रोम, गला,पंजा आदि) पुल्लिंग हैं
तो कुछ अंग अवयव जीभ, नाक, उँगली, आँख, पलक, भौंह, मूँछ, एड़ी, त्वचा, हड्डी, खोपड़ी, गर्दन, रीढ़, पीठ, हथेली, जाँघ, आँत, रग (नस, शिरा), धमनी, छाती, दाढ़ी आदि स्त्रीलिंग हैं।
रत्न- (हीरा,पन्ना,पुखराज, मूँगा, मोती, नीलम आदि ) पुल्लिंग हैं
तो मणि स्त्रीलिंग।
तारे,ग्रह,उपग्रह - (सूर्य,मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि,चंद्रमा आदि ) पुल्लिंग हैं तो पृथ्वी स्त्रीलिंग है।
तरल पदार्थ (दूध,दही,छाछ (मट्ठा ), पानी, तेल, अल्कोहल, पेट्रोल, डीज़ल, केरोसीन (मिट्टी का तेल ), रस, तेज़ाब, अमृत, बिष, शर्बत, सिरका, सोडा, कोला आदि पुल्लिंग हैं तो शिकंजी, शराब (मदिरा), ताड़ी, दारु आदि स्त्रीलिंग।
है
दिन
पुल्लिंग
रजनी स्त्री
पावक जल
होते विपरीत
यों ही धरा आकाश।
है
चाँदी
स्त्रीलिंग
सोना उल्टा
बड़ी दुविधा
दुनिया संसार
पुल्लिंग हुए देश।
ये
बाग़
सागर
फल-फूल
कारोबार में
आलय प्रत्यय
पुल्लिंग अधिकारी।
ज्यों
भाषा
नदियाँ
लिपि लता
तिथियाँ सभी
चिड़िया गुड़िया
है स्त्रीलिंग दुनिया।
हैं
पेड़
पर्वत
ग्रह धातु
महीना दिन
अंग अपवाद
पुल्लिंग हुए रत्न।
ता
अनी
आवट
इया इमा
प्रत्यय जुड़े
स्त्रीलिंग के साथ
इ और ईकारांत।
© रवीन्द्र सिंह यादव