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बुधवार, 28 नवंबर 2018

गोल्डन टॉयलेट


समाचार आया है -
"माल्या से छिनने वाला है गोल्डन टॉयलेट!"
संभवतः 
माल्या का 
मल-मूत्र महकता होगा 
अतः सोने की 
टॉयलेट सीट का ख़्याल 
मन में खटकता होगा 
19 नवम्बर को 
मनाया जाता है 
विश्व शौचालय दिवस 
सुनने को ऐसे समाचार 
आज हम हैं विवश 
मल में हो सकते हैं-
WBC, 
RBC, 
CYST,
OVA,
कृमि, बैक्टीरिया और फंजाई
इस ठग व्यवसायी को 
कौन समझाये भाई 
लंदन में एक लेखक ने 
कर दिया असहज खुलासा 
विलासता में डूबे 
शातिर शख़्स को 
कैसे मिले दिलासा  
देश से ले भागा रोकड़ा 
करके महा फ्रॉड 
विदेश में भी दिखलायी कला 
लेकिन घिर गया 
लगा न पाया दौड़ 
 क़लम घिसने वाले 
सदियों रहे गुमनाम 
गोल्डन सीट वाले 
टॉयलेट के मालिक 
चर्चा में दिलचस्पी से 
हो जाते हैं बदनाम 
हमारी जीवन शैली में 
सोने से जुड़ी है 
श्रेष्ठता की भावना
सोने की करते हैं 
लोग कामना 
सोने को आदर इतना 
भारत में महिलाऐं 
नहीं पहनती हैं 
सोने के बिछुआ 
यह समाचार पढ़कर 
आपको आश्चर्य हुआ?
© रवीन्द्र सिंह यादव 

4 टिप्‍पणियां:

  1. विलासिता की आदत आदमी को कंही का नहीं छोड़ती
    माल्या का। भी यही हाल है।
    खबर को साहित्य में संवारना आपकी खूबी है। सुंदर रचना।
    सादर

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  2. वाह!!रविन्द्र जी ...क्या बात है ,खबर को साहित्यिक रूप देने में आपका कोई सानी नहीं !!

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  3. वाह !!!! रविन्द्र जी सचमुच एक खबर को साहित्य में ढ़ालने में आप की कलम बहुत ही सुघड़ है | सच कहूँ तो इस खबर से वाकिफ़ नहीं थी पर आपके माध्यम से जानकर आश्चर्य हुआ कि भगौड़े माल्या को नित्य कर्मों के लिए भी सोने की सीट चाहिए !!!! बहुत ही निंदनीय व्यसन है ये तो !!सचमुच मुझे बहुत आश्चर्य है !!!! भारतीय महिलाओं को पैरों में सोने की बेकद्री का डर सताता होता होगा -जो वे पैरों में सोने की बिछुवे नहीं पहनती हैं पर माल्या को अपने वैभव का प्रदर्शन करने के लिए क्या सोने की सीट इस्तेमाल करना जरूरी था ? उसे विदेश भागकर भी भारतियों के स्वर्ण प्रेम का चर्चित उदाहरन बनना जरूरी तो नहीं था | सार्थक रचना -आपकी अपनी चिर परिचित शैली में ! हार्दिक बधाई और शुभकामनायें |

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  4. क्या कमाल है आपका समाचार को रचना में तब्दील करना आपकी ख़ासियत है। सोने की ऐसी उपेक्षा पहले कभी नहीं पढ़ी। विचारणीय रचना है आपकी। समाचारों को रोचकता के साथ पेश करना आपसे बेहतर कौन समझे। ..... बधाई।

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