अभिव्यक्ति को विस्तार देने
आया सोशल मीडिया,
निजता का अतिक्रमण करने
आया सोशल मीडिया
धंधेबाज़ों को धंधा
लाया सोशल मीडिया
चरित्र-हत्या का माध्यम
बना सोशल मीडिया
ज्ञान,विमर्श और सूचना का
अंबार लाया सोशल मीडिया
छल,झूठ,धमकी,बदज़बानी
बलात्कार की धमकी और दम्भ को
विस्तार देता सोशल मीडिया
स्त्रियों के लिए असुरक्षित बना
सोशल मीडिया
सोशल अर्थात सामाजिक
सामाजिक माध्यम असामाजिक क्यों हो गया है?
क्योंकि अब यह सत्ता से साँठगाँठ कर चुका है
कौन गाली लिख रहा है
कौन धमकी दे रहा है
कौन नफ़रत और झूठ फैला रहा है
कौन क़ानून तोड़ रहा है
कौन सामाजिक सद्भाव बिगाड़ रहा है
सब जानती है सोशल मीडिया कंपनी
धंधे के लिए इसे सब मंज़ूर है।
©रवीन्द्र सिंह यादव
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" सोमवार 20 मई 2024 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" सोमवार 20 मई 2024 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" सोमवार 24 जून 2024 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
जवाब देंहटाएंकटु सत्य पर हमें ही इसे बदलना होगा
जवाब देंहटाएंसोशल मीडिया हमारे जीवन की जरूरत बन गई है....इसके सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलू हैं।
जवाब देंहटाएंवाह रवींद्रजी ! आपने तो सोशल मीडिया की वाट लगा दी ! (मुंबइया भाषा में)😊
जवाब देंहटाएंहर वह खोज, जो अच्छे के लिए होती है, इंसान उसका दुरुपयोग ही ज्यादा करता है।