बुधवार, 8 मई 2024

सोशल मीडिया

अभिव्यक्ति को विस्तार देने 

आया सोशल मीडिया,

निजता का अतिक्रमण करने 

आया सोशल मीडिया

धंधेबाज़ों को धंधा 

लाया सोशल मीडिया 

चरित्र-हत्या का माध्यम 

बना सोशल मीडिया 

ज्ञान,विमर्श और सूचना का 

अंबार लाया सोशल मीडिया 

छल,झूठ,धमकी,बदज़बानी

बलात्कार की धमकी और दम्भ को 

विस्तार देता सोशल मीडिया

स्त्रियों के लिए असुरक्षित बना 

सोशल मीडिया 

सोशल अर्थात सामाजिक 

सामाजिक माध्यम असामाजिक क्यों हो गया है? 

क्योंकि अब यह सत्ता से साँठगाँठ कर चुका है

कौन गाली लिख रहा है

कौन धमकी दे रहा है 

कौन नफ़रत और झूठ फैला रहा है

कौन क़ानून तोड़ रहा है 

कौन सामाजिक सद्भाव बिगाड़ रहा है  

सब जानती है सोशल मीडिया कंपनी 

धंधे के लिए इसे सब मंज़ूर है।

©रवीन्द्र सिंह यादव 


    

7 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" सोमवार 20 मई 2024 को लिंक की जाएगी ....  http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

    जवाब देंहटाएं
  2. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" सोमवार 20 मई 2024 को लिंक की जाएगी ....  http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

    जवाब देंहटाएं
  3. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" सोमवार 24 जून 2024 को लिंक की जाएगी ....  http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

    जवाब देंहटाएं
  4. कटु सत्य पर हमें ही इसे बदलना होगा

    जवाब देंहटाएं
  5. सोशल मीडिया हमारे जीवन की जरूरत बन गई है....इसके सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलू हैं।

    जवाब देंहटाएं
  6. वाह रवींद्रजी ! आपने तो सोशल मीडिया की वाट लगा दी ! (मुंबइया भाषा में)😊
    हर वह खोज, जो अच्छे के लिए होती है, इंसान उसका दुरुपयोग ही ज्यादा करता है।

    जवाब देंहटाएं

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