साख़ रो रही है ज़ार-ज़ार
देशी जासूसी तक तो
मनाते रहे हम ख़ैर
विदेशियों को ठेका
और अपनों से बैर
अब जनता की अनुमति से
जासूसी का लायसेंस लो
जनता की गाढ़ी कमाई से
जासूसी कंपनी का मुँह भर दो
शर्त रखो...
पेगासस स्पाइवेयर का कैमरा क़ैद करे-
साँसों के लिए तड़पते
सरकारी अस्पताल के पलंग पर
एक से अधिक मरीज़ों के दृश्य
अवसर का लाभ उठाते
संवेदनाविहीन सफ़ेदपोश लुटेरे गिरोहों के रहस्य
ऑक्सीजन के लिए साँसें गिनते मरीज़
जो अपने प्रियजनों से
अंतिम साँस तक
मोबाइल फोन पर क्या कह रहे हैं
भरा मेडीकल ऑक्सीजन सिलेंडर लेने
कतारों में खड़े तीमारदार क्या कह रहे हैं
श्मशान में अंतिम संस्कार के लिए
प्रतीक्षारत लाशें ही लाशें
गंगा में बहती अधजली लाशें
किनारे/ रेत में दबी लाशें
कुत्ते-कौए नोंचते लाशें
करोना महामारी में
भूख और बेकारी से जूझते लोग
बेकसूर जो जेलों में हैं
उनके परिजनों को
न्याय की दिलाशा देकर लूटते लोग
स्त्री-अस्मिता पर होते बर्बर प्रहार
क़ानून कब कहाँ कैसे होता लाचार
दंगाइयों के पोषक हैं कौन
इंसाफ़ के सवाल पर कौन हैं मौन
ख़ून-पसीने की कमाई
औने-पौने दाम में लुटाते किसान
हज़ारों किलोमीटर पैदल चलते
मज़दूरों के छालों के निशान
हताश युवाओं के बिखरते अरमान
सीमा पर जान करते सैनिक क़ुर्बान
पेगासस स्पाइवेयर के वीडियो / ऑडियो में
ये सब देश देखना चाहेगा
सत्ता जनहित में समर्पित हो
तो उसे कौन हिलाना चाहेगा?
© रवीन्द्र सिंह यादव