माँ
सृष्टि
स्पंदन
अनुभूति
सप्त-स्वर में
गूँजता संगीत
वट वृक्ष की छाँव।
माँ
आँसू
ममता
संवेदना
गोद में लोक
जीवन आलोक
निर्झर-सा प्रवाह।
माँ
शब्द
क़लम
रचना है
कैनवास है
सनी है रंग में
कूची चित्रकार की।
माँ
बीज
फ़सल
खलिहान
रोपती गुण
काटे अवगुण
संयम का भंडार।
माँ
थामे
अँगुली
देती ज्ञान
मिथ्या संसार
चरित्र-निर्माण
संस्कारवान पथ।
माँ
फूल
महक
बग़िया में
मोहक कूक
पालती उसूल
दे थपकी गा लोरी।
माँ
राग
प्रकृति
अरुणिमा
भावों का गाँव
प्यारी धूप-छाँव
गौरव जीवन का।
© रवीन्द्र सिंह यादव
© रवीन्द्र सिंह यादव
ओह , मान की याद आ गयी ...
जवाब देंहटाएंमाँ ,तुझे बापस , बुलाना चाहता हूँ !
इक असंभव गीत , गाना चाहता हूँ !
जाने कितनी बार ये, रुक -रुक बहे !
माँ, मैं आंसू को,जिताना चाहता हूँ !
सादर नमन सर.
हटाएंआपकी काव्यात्मक प्रतिक्रिया पढ़कर मन गदगद हुआ फिर द्रवित हुआ.
सादर आभार.
माँ को जितना लिखा जाये उतना कम ... हर शब्द माँ की देन है ...
जवाब देंहटाएंहर छंद माँ की यादें लौटा लाता है ...
सादर आभार आपका आदरणीय दिगम्बर जी सटीक प्रतिक्रिया के साथ चर्चा में शामिल होने के लिये.
हटाएंबेहद सुंदर, भाव पूर्ण रचना भाई. बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंसादर आभार आपका आदरणीया सुधा जी प्रतिक्रिया के ज़रिये उत्साहवर्धन के लिये.
हटाएंवाह!!बहुत खूबसूरत ...माँ इस एक शब्द में सारी सृष्टि समाई ..माँ दरिया
जवाब देंहटाएंप्रेम का
,मन करे
जिसमें डूब जाने का...,,।
,
सादर आभार आदरणीया शुभा जी "माँ" बिषय पर चर्चा को टिपण्णी के ज़रिये सार्थक बनाने के लिये।
हटाएंसाहित्यपीडिया वेबसाइट की ओर से 1 से 30 नवम्बर 2018 के बीच "माँ" बिषय पर काव्य प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है जिसमें इच्छुक रचनाकार भाग ले सकते हैं।
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हटाएंवाह बहुत ही बेहतरीन वर्ण पिरामिड माँ के बारे में जितना लिखा जाए कम है बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंसादर आभार आदरणीया अनुराधा जी "माँ" बिषय पर चर्चा को टिपण्णी के ज़रिये सार्थक बनाने के लिये।
हटाएंसाहित्यपीडिया वेबसाइट की ओर से 1 से 30 नवम्बर 2018 के बीच "माँ" बिषय पर काव्य प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है जिसमें इच्छुक रचनाकार भाग ले सकते हैं।
बेहतरीन रचना 🙏 मां की विशालता का प्रतीक
जवाब देंहटाएंसादर आभार आदरणीया अभिलषा जी "माँ" बिषय पर चर्चा को टिपण्णी के ज़रिये सार्थक बनाने के लिये।
हटाएंसाहित्यपीडिया वेबसाइट की ओर से 1 से 30 नवम्बर 2018 के बीच "माँ" बिषय पर काव्य प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है जिसमें इच्छुक रचनाकार भाग ले सकते हैं।
बहुत ही सुन्दर रचना आदरणीय
जवाब देंहटाएंसादर
सादर आभार आदरणीया अनीता जी "माँ" बिषय पर चर्चा को टिपण्णी के ज़रिये सार्थक बनाने के लिये।
हटाएंसाहित्यपीडिया वेबसाइट की ओर से 1 से 30 नवम्बर 2018 के बीच "माँ" बिषय पर काव्य प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है जिसमें इच्छुक रचनाकार भाग ले सकते हैं।
बेहतरीन शब्द संयोजन ,मां स्पत स्वर में गूंजता संगीत
जवाब देंहटाएंमां वटवृक्ष की छांव ,
सादर आभार आदरणीया ऋतु जी "माँ" बिषय पर चर्चा को टिपण्णी के ज़रिये सार्थक बनाने के लिये।
हटाएंसाहित्यपीडिया वेबसाइट की ओर से 1 से 30 नवम्बर 2018 के बीच "माँ" बिषय पर काव्य प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है जिसमें इच्छुक रचनाकार भाग ले सकते हैं।
अत्यंत सुंदर संयोजन भावनाओं और शब्दों का...यह आपकी बेहतरीन कृतियों में से एक है। मैंने आपकी हर रचना पढ़ी है।
जवाब देंहटाएंसादर आभार आदरणीया मीना जी "माँ" बिषय पर चर्चा को टिपण्णी के ज़रिये सार्थक बनाने के लिये। आपके समर्थन और सहयोग का सदैव आकाँक्षी हूँ।
हटाएंसाहित्यपीडिया वेबसाइट की ओर से 1 से 30 नवम्बर 2018 के बीच "माँ" बिषय पर काव्य प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है जिसमें इच्छुक रचनाकार भाग ले सकते हैं।
भाव पूर्ण बेहतरीन रचना ।
जवाब देंहटाएंसादर आभार आदरणीया उर्मिला जी "माँ" बिषय पर चर्चा को टिपण्णी के ज़रिये सार्थक बनाने के लिये।
हटाएंसाहित्यपीडिया वेबसाइट की ओर से 1 से 30 नवम्बर 2018 के बीच "माँ" बिषय पर काव्य प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है जिसमें इच्छुक रचनाकार भाग ले सकते हैं।
अद्भुत
जवाब देंहटाएंसादर प्रणाम सर।
हटाएंसादर आभार आपका टिपण्णी के साथ चर्चा में शामिल होने के लिये।
साहित्यपीडिया वेबसाइट की ओर से 1 से 30 नवम्बर 2018 के बीच "माँ" बिषय पर काव्य प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है जिसमें इच्छुक रचनाकार भाग ले सकते हैं।
जी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना शुक्रवार २ नवंबर २०१८ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
बहुत बहुत आभार आदरणीया श्वेता जी रचना को "पाँच लिंकों का आनन्द" जैसे प्रतिष्ठित पटल पर प्रदर्शित करने के लिये।
हटाएंसाहित्यपीडिया वेबसाइट की ओर से 1 से 30 नवम्बर 2018 के बीच "माँ" बिषय पर काव्य प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है जिसमें इच्छुक रचनाकार भाग ले सकते हैं।
वाह भईया! माँ का स्थान हमारे जीवन में सबसे ऊँचा होता है और आपने इस पिरामिड रचना में भी माँ को चोटी का स्थान दिया है। अप्रतिम।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार प्रिय प्रकाश भाई एक मोहक टिपण्णी के साथ चर्चा को सार्थक बनाने के लिये।
हटाएंसाहित्यपीडिया वेबसाइट की ओर से 1 से 30 नवम्बर 2018 के बीच "माँ" बिषय पर काव्य प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है जिसमें इच्छुक रचनाकार भाग ले सकते हैं।
वाह
जवाब देंहटाएंबहुत खूब,नए तरह का प्रयोग।
रचना बहुत उच्च कोटि की हैं।
माँ तो माँ ही हैं।
सादर आभार आदरणीय डॉ.ज़फ़र साहब "माँ" बिषय पर चर्चा को टिप्पणी के ज़रिये सार्थक बनाने के लिये।
हटाएंसाहित्यपीडिया वेबसाइट की ओर से 1 से 30 नवम्बर 2018 के बीच "माँ" बिषय पर काव्य प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है जिसमें इच्छुक रचनाकार भाग ले सकते हैं।
बेहद सुंदर...भाव पूर्ण रचना 👌👌👌
जवाब देंहटाएंसादर आभार आपका आदरणीया नीतू जी टिप्पणी के साथ चर्चा में शामिल होने के लिये।
हटाएंसाहित्यपीडिया वेबसाइट की ओर से 1 से 30 नवम्बर 2018 के बीच "माँ" बिषय पर काव्य प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है जिसमें इच्छुक रचनाकार भाग ले सकते हैं।
वाह बहुत सुन्दर वर्ण पिरामिड!
जवाब देंहटाएंमां जैसे अखंड विषय को कम शब्दों में समेट कर भाव युक्त प्रस्तुति।
सादर आभार. आदरणीया कुसुम जी रचना पर अपनी सटीक प्रतिक्रिया के साथ उत्साहवर्धन करने के लिये.
हटाएंआपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन नींद ख़ामोशियों पर छाने लगी - ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है.... आपके सादर संज्ञान की प्रतीक्षा रहेगी..... आभार...
जवाब देंहटाएंसादर आभार सर रचना को ब्लॉग बुलेटिन के ज़रिये विस्तृत पाठक वर्ग तकपहुंचाने के लिये.
हटाएंअनुपम सृजन
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत आभार आदरणीय लोकेश जी अपनी प्रतिक्रिया के ज़रिये उत्साहवर्धन करने के लिये।
हटाएंलाजवाब वर्ण पिरामिड....
जवाब देंहटाएंबहुत लाजवाब भावाभिव्यक्ति
वाह!!!
सादर आभार आदरणीया सुधा जी अपनी टिप्पणी के ज़रिये मनोबल बढ़ाने के लिये।
हटाएंबहुत-बहुत आभार निश्छल जी आपकी सराहना करती मोहक टिप्पणी के लिये।
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" सोमवार 21 सितम्बर 2020 को साझा की गयी है............ पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंअद्भुत । सराहनीय ..
जवाब देंहटाएंवाह! मां की महिमा बढ़ाती सभी पंक्तियाँ प्रेरक और हृदयस्पर्शी हैं। हार्दिक शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंजी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (०९-०३-२०२१) को 'मील का पत्थर ' (चर्चा अंक- ४,००० ) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
--
अनीता सैनी
हर समय में एक सा प्रभाव छोड़ने वाला सच्चा सृजन।
जवाब देंहटाएंबधाई ।
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जवाब देंहटाएंPub Dials aur agr aap book publish krana chahte hai aaj hi hmare publishing consultant se baat krein <a href="https: