सोमवार, 14 अगस्त 2017

ग़रीब की अकाल मौत



सीवर / गटर में मौत

सरकारी अस्पताल में मौत

खेत -खलिहानों में मौत

जंगलों /अरण्यों में मौत

सरहद  पर मौत

सड़क  पर  मौत।




बच्चों की मौत

बुज़ुर्गों की मौत

अजन्मों की मौत

जवानों की मौत

मरीज़ों की मौत

पर्यटकों की मौत

श्रद्धालुओं की मौत

राहगीरों की मौत

गवाहों की मौत

नेताओं  की मौत

अभिनेताओं की मौत

नाम वालों की मौत

गुमनाम की  मौत

अपनों  की मौत

परायों की मौत।




शहरों में मौत

गावों में मौत

अफ़वाहों में मौत

दंगों में मौत

पंचायती फ़रमानों में मौत

अदालती आदेशों में मौत

आतंकी हमलों में मौत

युद्धों में मौत

हादसों में मौत।





षड़यंत्र में मौत

लापरवाही में मौत

सनक में मौत

हनक में मौत

सेल्फ़ी में मौत

लालच में मौत

स्वाभाविक मौत

असमय मौत

राजनैतिक मौत

बलिदानी मौत

बे-मौत मौत

बदले में  मौत

धोखे में मौत।




पृथ्वी  पर मौत

जल  में मौत

नभ  में मौत

अंतरिक्ष में मौत

झोपड़ी में मौत

महलों में मौत

पिंजड़े में मौत

कसाईखाने  में मौत

गलियों में मौत

घरों में मौत

एकल मौत

सामूहिक मौत।





शब्द की मौत

सपनों की मौत

रिश्तों की मौत

भावों की मौत

रोक पाया कोई  मौत ?

अटल सत्य है मौत!

बस न हो संवेदना की मौत !!

कचोटती है निरीह / ग़रीब की अकाल मौत !!!

#रवीन्द्र  सिंह यादव

2 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज रविवार 29 दिसम्बर 2019 को साझा की गई है...... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  2. मौत ही मौत...अटल सत्य
    वैसे भी ये मौत अपने वजह से आती ही कहाँ है किसी न किसी कारण को वजह बनाती है...
    बहुत ही लाजवाब

    जवाब देंहटाएं

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