मदारी
एक बार फिर
व्यस्त हैं सजाने में
अपना-अपना पिटारा
कोई सजा रहा है
भव्य भड़काऊ रथ
कोई झाड़ रहा है
अपनी गाड़ी ज़ंग खायी खटारा
पैने हो रहे हैं
सवालों के तीखे तीर
कोई दोहरायेगा
रटे जवाबों की
घिसी-पिटी लकीर
होगा कोई सॉफ्ट...
कोई एकदम हार्ड...
खेलेगा अभिनय करते
कोई विक्टिम कार्ड
दाल में हो कुछ काला
आस्तीन में साँप काला
है कोई पाला बदलने वाला
या फिर हो घोटाला गड़बड़झाला
कहीं डूबेगी नैया
कहीं खुलेगा क़िस्मत का ताला
अपराधियों-आरोपियों-लम्पटों का
लफ़्फ़ाज़ीमय रंगारंग शो
देख-देख ख़ुद को कोसेगी जनता
कॉरपोरेट-पार्टी-मीडिया
गठजोड़ को अब कौन नहीं जानता
बेरोज़गारों को मिलता
भरपूर मौसमी काम
नयी सरकार देती जनता को
तोहफ़ा बढ़ाकर चीज़ों के दाम
चुनावी हिंसा में
कुछ घरों के
चराग़ बुझाते हुए
गुज़र जायेगा
एक और चुनावी दौर
हम तलाशते रहेंगे
पुनः अपने-अपने
पाँवों के नीचे ठौर।
© रवीन्द्र सिंह यादव
ज़ंग = RUST
चुनावी दौर पर बेहतरीन कटाक्ष, सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंसादर आभार अभिलाषा जी चर्चा में अपने विचार रखने के लिये।
हटाएंआदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर 'सोमवार' ०७ जनवरी २०१९ को साप्ताहिक 'सोमवारीय' अंक में लिंक की गई है। आमंत्रण में आपको 'लोकतंत्र' संवाद मंच की ओर से शुभकामनाएं और टिप्पणी दोनों समाहित हैं। अतः आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/
जवाब देंहटाएंटीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'सोमवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।
आवश्यक सूचना : रचनाएं लिंक करने का उद्देश्य रचनाकार की मौलिकता का हनन करना कदापि नहीं हैं बल्कि उसके ब्लॉग तक साहित्य प्रेमियों को निर्बाध पहुँचाना है ताकि उक्त लेखक और उसकी रचनाधर्मिता से पाठक स्वयं परिचित हो सके, यही हमारा प्रयास है। यह कोई व्यवसायिक कार्य नहीं है बल्कि साहित्य के प्रति हमारा समर्पण है। सादर 'एकलव्य'
बहुत-बहुत आभार ध्रुव जी रचना को लोकतंत्र सम्वाद मंच में शामिल करने के लिये।
हटाएंआपकी लिखी रचना "मित्र मंडली" में लिंक की गई है. https://rakeshkirachanay.blogspot.com/2019/01/104.html पर आप सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंसादर आभार आदरणीय राही जी रचना को मित्र मंडली में शामिल करने हेतु।
हटाएंसुन्दर कटाक्ष
जवाब देंहटाएंसादर प्रणाम सर।
हटाएंरचना पर प्रतिक्रिया के लिये सादर आभार।
तंज करती रचना.. बहुत बढ़िया।
जवाब देंहटाएंसादर आभार पम्मी जी उत्साहवर्धन के लिये।
हटाएंबहुत बढ़िया।
जवाब देंहटाएंवाह शानदार सामायिक नौटंकी पर सटीक विवेचना ।
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