जानी मानी ब्लॉगर आदरणीया पम्मी सिंह 'तृप्ति' जी का नाम
पम्मी जी के सृजन कर्म में मख़मली एहसासात को तसव्वुर में नज़ाकत से संजोया गया है वहीँ जज़्बात को दिलकश अंदाज़ से लबरेज़ करना इनकी ख़ूबी है। इनका कविता कहने का अंदाज़ निराला है जिसमें नवीनता की ख़ुशबू महसूस होती है। सुकोमल भावों को उकेरने लिये ज़रूरी है चिंतन में प्रकृति और सामाजिक सरोकारों का स्पर्श समाहित हो जिसका पम्मी जी ने भरसक प्रयास किया है।
पम्मी जी साहित्य की विभिन्न विधाओं में निरंतर रचनाकर्म में रत हैं।
इनकी प्रकाशित पुस्तकें हैं -
1. काव्यकाँक्षी
2. 24 लेखक 24 कहानियाँ
3. सबरंग क्षितिज:विधा संगम
आपके अनेक साझा पुस्तक संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं।
हमारी ओर से पम्मी जी को पुनः ढेरों शुभकामनाएँ एवं बधाई।
आदरणीया पम्मी जी को अन॔त शुभकामनाएं । आपकी यश व कीर्ति पताका यूँ ही फहराती रहे और हम गौरवान्वित होते रहें ।
जवाब देंहटाएंपम्मी सिंह 'तृप्ति' को उनकी उपलब्द्धि पर हार्दिक बधाई !
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं..
जवाब देंहटाएंबधाइयाँ..
सादर..
आभार रवीन्द्र जी..
जवाब देंहटाएंआपने तो इसे खबर बना दिया..आप सभी के शुभकामनाओं का फल है.
निशब्द हूँ
जी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (24-08-2019) को "बंसी की झंकार" (चर्चा अंक- 3437) पर भी होगी।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
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अनीता सैनी
बहुत बहुत शुभकामनाएं एवं बधाई पम्मी जी !
जवाब देंहटाएंइस उल्लेखनीय शानदार उपलब्धि के लिए बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई पम्मी जी को !
जवाब देंहटाएंपम्मी जी की उपलब्धियों के लिए उन्हें बहुत बहुत बधाई ।।वे एक उम्दा रचना कारा और बहुत प्यारी शख्सियत हैं, हमेशा सौम्य व्यवहार और ऊंचाइयों को छूता बेहतरीन लेखन उनका ।
जवाब देंहटाएंलिखने का अनुठा अंदाज़ उन्हें अन्य रचनाकारों से अलग बनाता है।
उनका साहित्य सृजन अनवरत निर्बाध चलता रहे ये मां शारदे से सदा प्रार्थना है।
हृदय तल से बधाई।