तिल-तिल मिटना जीवन का,
विराम स्मृति-खंडहर में मन का।
व्यथित किया ताप ने
ह्रदय को सीमा तक,
वेदना उभरी कराहकर
रीती गगरी सब्र की अचानक।
अज्ञात अभिशाप आतुर हुआ
बाँहें पसारे सीमाहीन क्षितिज पर
आकुल आवेश में अभिसार को
चिर-तृप्ति का कलनिनाद
अभिराम अनुरंजित विवशता से
चाहती जर्जर वाणी वर।
एकांत की चाह बलबती हुई
अशांत मन घर से बाग़ तक ले गया,
हलचल ने ध्यान भंग किया
दिनांत का मनोरम दृश्य
सुदूर पहाड़ी तक जाने का
स्पंदित साँसों को साहस दे गया।
पहाड़ी के सामने एक और पहाड़ी
प्रांतर-भाग में मनोहारी हरीतिमा से
आच्छादित रमणीय गहरी खाई,
सामने पहाड़ी के वक्ष पर उभरा
अति अरुणता से आप्लावित कैनवास
शनैः-शनैः आयी अजानी सुरभित
बेसुध बयार आँचल-सी सरसराती हुई।
आहिस्ता-आहिस्ता ह्रदय नुमूदार हुआ
व्याकुल विशद विभाजित पिपासा
सकल समवेत छायी कैनवास पर,
दृश्य-अदृश्य चेहरे अपने-अपने
अति अलंकृत धनुष की प्रत्यंचा ताने
छोड़ रहे थे तीखे तेज़ नुकीले नफ़रतों के
नीरव-निनादित तीर मासूम हृदय पर।
किंचित गुमनाम चेहरे
पर्याप्त फ़ासले पर खड़े थे
हाथों में रंगीन सुवासित सुमन
और शीतल मरहम लिये,
ह्रदय को बींधती तीखी चुभन
सहते-सहते असहनीय हुई तो
कविता से कहा-
"समेट लो कैनवास रजनीगंधा-सा रहम लिये।"
© रवीन्द्र सिंह यादव
जी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शनिवार (१८ -०१ -२०२०) को "शब्द-सृजन"- 4 (चर्चा अंक -३५८४) पर भी होगी।
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
….
-अनीता सैनी
बेहतरीन रचना।सादर
जवाब देंहटाएंवाह!!!
जवाब देंहटाएंलाजवाब सृजन अद्भुत शब्दविन्यास...
आहिस्ता-आहिस्ता ह्रदय नुमूदार हुआ
विशद विभाजित व्याकुल पिपासा छायी कैनवास पर,
दृश्य-अदृश्य चेहरे अपने-अपने धनुष की प्रत्यंचा ताने
छोड़ रहे थे तीखे तेज़ नुकीले नफ़रतों के तीर मासूम हृदय पर।
अति सुन्दर।
वाह!!रविन्द्र जी ,बहुत खूब!!
जवाब देंहटाएंदृश्य -अदृश्य चेहरे ,तीखे ,तेज़ ,नुकीले बाण फेंक रहे मासूम हृदयों पर ....वाह ...🙏
बहुत सुंदर !सच कहूं तो अद्भुत सृजन, प्रकृति के सौंदर्य के साथ दहलाता सत्य ,
जवाब देंहटाएंअभिनव सृजन।
वाह! आदरणीय सर।
जवाब देंहटाएंबेहद उम्दा,उत्क्रष्ट सृजन 👌
सादर प्रणाम 🙏
सुप्रभात,
जवाब देंहटाएंआप और आपके परिवार को 71 वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें ।🇮🇳🇮🇳🇮🇳
जयहिंद.
वाह
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