रविवार, 14 मई 2023

देवता पत्थर होकर मूक हो गया

चित्र: महेन्द्र सिंह 

जिसे पूजा 

तब वह पत्थर था न था 

पता न था  

अगाध श्रद्धा ने 

गाढ़ दिए 

सफ़र में मील के पत्थर

दीवानगी की हद तक पूजा उसे 

एक दिन फ़ैसले की घड़ी आई 

जब उसके पुजारी ने 

अत्याचार की हदें पार कर दीं 

माँगा इंसाफ़ 

तो देवता 

पत्थर होकर 

मूक हो गया

इंसाफ़ का सवाल 

खाक़ हो गया

याचक ने ख़ुद को 

पत्थरों से घिरा पाया। 

© रवीन्द्र सिंह यादव   
      

18 टिप्‍पणियां:

  1. गूढ़ भाव लिए विचारणीय सृजन।
    सादर।
    ----
    जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना शुक्रवार १९ मई २०२३ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सादर आभार रचना को विस्तृत पाठक वर्ग तक पहुँचाने के लिए।

      हटाएं
  2. जिसे पूजा
    तब वह पत्थर था न था
    अनंत गहराई
    शानदार
    आभार

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सादर आभार आदरणीया रचना को मान देने के लिए।

      हटाएं
  3. माँगा इंसाफ़
    तो देवता
    पत्थर होकर
    मूक हो गया

    -ओह्ह्ह

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सादर आभार आदरणीया दीदी रचना को मान देते हुए मनोबल बढ़ाने के लिए।

      हटाएं
  4. उत्तर
    1. उत्साहवर्धन हेतु सादर आभार आदरणीया

      हटाएं
  5. देवता भले ही मूक हो जाएं लेकिन हर कोई मूक हो जाएगा तो अत्याचार बढ़ेगा ही । विचारना तो पड़ेगा ।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सादर आभार आदरणीया दीदी रचना का मान बढ़ाती सारगर्भित टिप्पणी हेतु।

      हटाएं
  6. जी ! .. साहित्यिक भाषा अगर कहें तो - साधुवाद !!! आपको .. इन विचारों को शब्दों के साँचें में गढ़ कर इस रचना को सृजित करते हुए एक सवाल के घेरे में तथाकथित मानव समाज और उसके द्वारा गढ़े गये पत्थरों को भी खड़ा करने के लिए .. बस यूँ ही ...

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सादर आभार आपका आदरणीय रचना पर विस्तृत विमर्श के बिंदु उकेरने के लिए।

      हटाएं
  7. दीवानगी की हद तक पूजा उसे
    एक दिन फ़ैसले की घड़ी आई
    जब उसके पुजारी ने
    अत्याचार की हदें पार कर दीं
    माँगा इंसाफ़
    तो देवता
    पत्थर होकर
    मूक हो गये
    जब पुजारी ही अत्याचार की हदें पार कर दे तो तो अत्याचारी पुजारी के पूजे पत्थरों में क्या वास करेंगे देवता।
    लाजवाब सृजन।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. उत्साहवर्धन करती विश्लेषणात्मक टिप्पणी हेतु सादर आभार आदरणीया

      हटाएं
  8. उत्तर
    1. उत्साहवर्धन करती टिप्पणी हेतु सादर आभार आदरणीया

      हटाएं
  9. पत्थर होते इंसान। .. बहुत सही

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. रचना को मान देती मनोबल बढ़ाती टिप्पणी हेतु सादर आभार आपका आदरणीया।

      हटाएं

आपकी टिप्पणी का स्वागत है.

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