ख़त मिला
आपके रुख़्सत होने के बाद,
काँधा गया
सर रखूँ कहाँ रोने के बाद।
ख़्वाब पहलू से
उठकर चल दिये,
जागती रहेंगी
तमन्नाएँ रातभर सोने के बाद।
नयन के पर्दे से
बाहर आएगी ख़ामोशी,
पिघलेंगे जज़्बात
अश्क़ों से रुख़सार धोने के बाद।
वीरान राहें
चुपचाप सो गयीं हैं ,
हवाऐं उड़ा ले गयीं वो बीज
ख़ुश थे हम जिन्हें बोने के बाद।
आपकी तस्वीर
बादल में बन रही है ,
तड़प बिजली-सी
बढ़ती जाएगी हमसफ़र खोने के बाद।
@रवीन्द्र सिंह यादव
सूचना - यह रचना "मेरे शब्द -स्वर" (You Tube.com ) चैनल पर सस्वर उपलब्ध है।
लिंक - http://youtu.be/iGOTSVEOTGI
शब्दार्थ / Word Meanings
ख़त = पत्र ,चिट्ठी ,Letter
रुख़्सत =बिछड़ना,चले जाना ,To Leave
कांधा =कंधा, Shoulder
सर =मस्तक, Head
ख़्वाब =स्वप्न,सपना, Dream(s)
पहलू =पार्श्व ,बग़ल ,Side ,Aspect
तमन्नाऐं = इच्छाएं ,अरमान ,Desires
नयन =आँख ,चक्षु ,नेत्र ,Eye
पर्दे /पर्दा =चिलमन ,आड़,Curtain(s)
ख़ामोशी =नीरवता,सन्नाटा, Silence
जज़्बात = भाव ,मनोभाव, Feelings ,Emotions
अश्क़ों /अश्क़ =आँसुओं /आँसू ,Tear(s)
रुख़सार =गाल ,Cheek(s)
वीरान =सुनसान ,Deserted ,Lonely
हमसफ़र = हमराही ,साथी ,Companion, A Fellow Traveller
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (19-08-2020) को "हिन्दी में भावहीन अंग्रेजी शब्द" (चर्चा अंक-3798) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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बहुत ही शानदार सृजन भाई रविन्द्र जी ।
जवाब देंहटाएंइतने हृदय स्पर्शी उद्गार है एहसास जो अंतर तक उतर ग्रे।
अभिनव अप्रतिम।
हृदयस्पर्शी भावाभिव्यक्ति ।
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