दिल-नशीं हर्फ़
सुनने
को
बेताब
हो दिल
कान को
सुनाई
दें
ज़हर बुझे बदतरीन बोल
क़हर ढाते हाहाकारी हर्फ़
नफ़रत के कुँए से
निकलकर
आते
तीर-से चुभते शब्द
तीर-से चुभते शब्द
तबाही
का सबब
बनते बिगड़े बोल
भरा हो जिनमें
ख़ौफ़ और दर्प
तो
कुछ तो ज़रूर करोगे.....
कान बंद करोगे ?
बे-सदा आसमान से
कहोगे-
निगल जाओ इन्हें
या
भाग जाओगे
सुनने
सुरीला राग
वहाँ
जहाँ
बाग़ की फ़ज़ा
बदलने
के इंतज़ार में
दुबककर
बैठी है
मासूम
कोयल!
शब्द ऊर्जा है
रूप बदलकर
ब्रह्माण्ड में रहेगा
सामूहिक
चेतना में
रचेगा-बसेगा
सोचो!
समाज कैसा बनेगा ?
© रवीन्द्र सिंह यादव
शब्दार्थ / WORD MEANINGS
दिल-नशीं= दिल में रहने वाला/वाले, RESIDING IN THE HEART
हर्फ़= शब्द / WORD
बदतरीन=सबसे बुरा / WORST
सबब=कारण /REASON,CAUSE
दर्प=अभिमान,घमण्ड / ARROGANCE
बे-सदा=मौन,बे-आवाज़ / VOICELESS
जी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (03-01-2020) को "शब्द ऊर्जा हैं " (35 69 ) पर भी होगी।
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का
महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर
आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
"मीना भारद्वाज"
बहुत सुंदर
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