शनिवार, 28 सितंबर 2019

शहीद-ए-आज़म सरदार भगत सिंह

वो
प्यारा
सपूत
अब कहाँ
भगत सिंह
इंक़लाब खोया
सो गयी क्यों है क्रांति ?

तो
अब
स्मरण
बलिदानी
भगत सिंह
अलंकरण है
शहीद-ए-आज़म.

©रवीन्द्र सिंह यादव



9 टिप्‍पणियां:


  1. जी नमस्ते,



    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा रविवार (29-09-2019) को "नाज़ुक कलाई मोड़ ना" (चर्चा अंक- 3473) पर भी होगी।



    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।



    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।


    आप भी सादर आमंत्रित है

    ….

    अनीता सैनी

    जवाब देंहटाएं
  2. सुन्दर प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  3. जय हिंद।
    मेरे ब्लॉग पर आपका स्वगात है।
    iwillrocknow.com

    जवाब देंहटाएं
  4. जय हिन्द
    सुंदर सृजन

    जवाब देंहटाएं
  5. जय हिन्द ! भगत सिंह जी को समर्पित सुन्दर वर्ण पिरामिड ।

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत ही सुंदर सृजन ,जय हिन्द

    जवाब देंहटाएं
  7. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  8. जय हिन्द ! भगत सिंह जी को समर्पित सुन्दर सृजन

    जवाब देंहटाएं

आपकी टिप्पणी का स्वागत है.

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