समाचार आ रहे हैं-
"काले रंग से भयभीत हैं सत्ताधारी नेता"
ब्रह्माण्ड की रचना में
है सत्त्व, रज और तम
गुणों की प्रधानता,
सृष्टि के समस्त रंगों को
सोख लेने की
है काले रंग में क्षमता।
प्रतिशोध-विरोध
द्वंद्व विमुखता
नकारात्मक स्पंदन
अपारदर्शिता कलुषित विचार
अब मान लिए गए हैं काले रंग की पहचान,
बुरी नज़र से बचाने
बचपन में माँ माथे पर
लगा देती थी
नन्हा काला निशान।
सृष्टि में समाहित
नाना प्रकृति की ऊष्मा
अवशोषित करता सारी,
काले रंग में समाकर
परावर्तन से रहती हारी।
सबरंग मिलें
तो बन जाय काला,
रहता वहाँ काला अँधेरा
पहुँच न पाया
जहाँ श्वेताभ उजाला।
राम श्याम
शिव शनि
माँ काली,
भाये सबको
हुआ न कोई सवाली।
श्याम-पटल पर
सुलझाते अध्यापक
जीवन के विकट सवाल,
जीवन में आती हैं ख़ुशियाँ
काली रात के चंगुल से
होती जब रौशनी बहाल।
काला रंग ही
साबित हुआ
अब तक औरों से महान,
मत कहना
न लिखना
किसी व्यक्ति को काला
अंतरराष्ट्रीय क़ानून को लेना जान।
काली करतूत
काले कारनामे
काला कारोबार
काला धन
काला धब्बा
काला मुँह
काला टीका
कोयले की दलाली में हाथ काले
काजल की कोठरी
बन गये
अब चर्चा के अंग,
करके काले कर्म
लोग करते
समाज बदरंग।
थर-थर काँप रहे हैं नेता
क्रोधित भीड़ में
देखकर काला झंडा,
जो लहराये काला झंडा
पुलिस चलाती जमकर
उसपर सरकारी डंडा।
सभा में आते लोगों की
अब होती ख़ाना-तलाशी,
काले रंग के
अन्तःवसन
रुमाल
बेल्ट
या मोज़े भी
हैं प्रतिबंधित
सुनो भाषण-अभिलाषी।
शरारती तत्वों ने
खोज लिया है
काले झंडे का उपाय,
नेताओं की सभा में
नारा लिखकर
काला गुब्बारा
अब देते हवा में
ऊँचा उड़ाय।
© रवीन्द्र सिंह यादव
आदरणीय आपने काले रंग की महिमा का बखान करके समसामयिक घटनाचक्र पर बखूबी प्रहार किया है। बहुत ही सुन्दर और सार्थक रचना
जवाब देंहटाएंमित्र, काले कारनामों पर और काला बाज़ारी पर जिसका एकाधिकार है, उसी का काले झंडे पर अधिकार होना चाहिए.
जवाब देंहटाएंतुमको काजल की कोठरी में घुसने का या काला झंडा दिखा कर किसी का विरोध करने का कोई अधिकार नहीं है.
कोकिल बोलो तो, कविता की याद आ गई। बहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएं