1.
गृह-वाटिका~
बाला भरे टोकरी
हिना-पत्तियाँ।
2.
संध्या की लाली~
मेहंदी रचे हाथ
मींचे अखियाँ।
3.
सावन-सांझ~
शिला पर पीसती
हिना बालिका।
4.
सावन-भोर ~
हिना से चाँद-फूल
रची हथेली।
5.
बसंत-सांझ~
मेहंदी से लिखती
पिया का नाम।
6.
पूस की रात~
कँबल से बाहर
मेहंदी-हाथ।
7.
शरद-सांझ~
ताके पिया हथेली
मेहंदी रची।
8.
मेघ नभ में~
माँ रचाये मेहंदी
बेटी के हाथ।
9.
फूली मेहंदी~
डाकिया के हाथ में
चिट्ठी का थैला।
10.
गाँव का मेला~
बालिका रचवाती
हाथ पे हिना।
11.
कुआँ किनारा~
मेहंदी पत्ता तोड़े
नन्ही बालिका।
12.
गोधूलि बेला~
मेहंदी झाड़ पर
सांप का जोड़ा।
© रवीन्द्र सिंह यादव
वाह बेहतरीन हाइकु आदरणीय 👌👌
जवाब देंहटाएंवाह!!!!
जवाब देंहटाएंमेंहदी पर एक से बढ़कर एक लाजवाब हायकु
बहुत बहुत बधाई रविन्द्र जी नयी विधा सीखकर इतना सुन्दर सृजन किया आपने...अनन्त शुभकामनाएं ।
जी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा रविवार(२३-०२-२०२०) को शब्द-सृजन-९'मेहंदी' (चर्चा अंक-३६२०) पर भी होगी।
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
….
अनीता सैनी
बहुत ही सुंदर ,लाज़बाब सृजन ,सादर नमन
जवाब देंहटाएंवाह
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर हाइकु