रविवार, 5 अप्रैल 2020

भेड़चाल

मोमबत्ती

उजाले के लिये

सँभालकर रखो,

माचिस की तीली

चूल्हा जलाने के लिये

बचाकर रखो,

जिनके पास

बर्बाद करने के लिये

पर्याप्त भौतिकता है,

वे शौक से

पूर्ण मनोयोग से  

भेड़चाल का हिस्सा बनें!

© रवीन्द्र सिंह यादव

1 टिप्पणी:

आपकी टिप्पणी का स्वागत है.

विशिष्ट पोस्ट

अभिभूत

बालू की भीत बनाने वालो  अब मिट्टी की दीवार बना लो संकट संमुख देख  उन्मुख हो  संघर्ष से विमुख हो गए हो  अभिभूत शिथिल काया ले  निर्मल नीरव निर...