तुम हमारे मुँह पर थूकोगे,
हम पर पत्थर फेंकोगे,
हम पर हमला करके
शारीरिक, मानसिक
आघात पहुँचाओगे...
कोई बात नहीं
तुम बीमार हो
बदहवासी में
लाचार हो
स्वजनों की चिंता में
आपा खो रहे हो
धर्मान्धता के नशे में
चूर हो
उन्मादी हो रहे हो
किंतु हम
अपने दायित्त्व से
मुँह नहीं मोड़ेंगे
वक़्त जब
समीक्षा की कसौटी पर
कसा जाएगा
तब तुम्हें
पीढ़ी-दर-पीढ़ी
लानत भेजी जाएगी
करोना संकटकाल की
कड़ी-कड़ी जोड़ी जाएगी।
© रवीन्द्र सिंह यादव
हम पर पत्थर फेंकोगे,
हम पर हमला करके
शारीरिक, मानसिक
आघात पहुँचाओगे...
कोई बात नहीं
तुम बीमार हो
बदहवासी में
लाचार हो
स्वजनों की चिंता में
आपा खो रहे हो
धर्मान्धता के नशे में
चूर हो
उन्मादी हो रहे हो
किंतु हम
अपने दायित्त्व से
मुँह नहीं मोड़ेंगे
वक़्त जब
समीक्षा की कसौटी पर
कसा जाएगा
तब तुम्हें
पीढ़ी-दर-पीढ़ी
लानत भेजी जाएगी
करोना संकटकाल की
कड़ी-कड़ी जोड़ी जाएगी।
© रवीन्द्र सिंह यादव
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