रंकों के लिए
आपात योजना बनी
डाका डालने की
सहमति पर बात बनी
मुर्दों की शिनाख़्त
सरकारी दस्तावेज़ में
रहस्यमयी बनाई गई
सिर्फ़ काग़ज़ पर
हड़प योजना
सफ़ाई से बनाई गई
डाके में मिली
भारी-हल्की हिस्सेदारी
बिना डकार पचाई गई
अनैतिक योजना में
जो शामिल नहीं हुए
उन्हें आदर्शवाद की
चोखी चटनी चटाई गई
ज़ुबान खोलने
क़लम चलाने की
कलुषित क़ीमत बताई गई
एक भव्य समारोह में
अंगवस्त्रम ओढ़ाकर
प्रशस्ति-पत्र थमाकर
निर्लज्ज आँखों से
चेहरा घूरते हुए
अंदर धू-धू जलती
ईर्ष्यालु आग
होंठों से दबाते हुए
बेईमान हाथों से
बेमन की ताली बजाई गई।
©रवीन्द्र सिंह यादव
आपात योजना बनी
डाका डालने की
सहमति पर बात बनी
मुर्दों की शिनाख़्त
सरकारी दस्तावेज़ में
रहस्यमयी बनाई गई
सिर्फ़ काग़ज़ पर
हड़प योजना
सफ़ाई से बनाई गई
डाके में मिली
भारी-हल्की हिस्सेदारी
बिना डकार पचाई गई
अनैतिक योजना में
जो शामिल नहीं हुए
उन्हें आदर्शवाद की
चोखी चटनी चटाई गई
ज़ुबान खोलने
क़लम चलाने की
कलुषित क़ीमत बताई गई
एक भव्य समारोह में
अंगवस्त्रम ओढ़ाकर
प्रशस्ति-पत्र थमाकर
निर्लज्ज आँखों से
चेहरा घूरते हुए
अंदर धू-धू जलती
ईर्ष्यालु आग
होंठों से दबाते हुए
बेईमान हाथों से
बेमन की ताली बजाई गई।
©रवीन्द्र सिंह यादव
व्यवस्था पर करारा प्रहार करती सुंदर सारगर्भित प्रस्तुति आदरणीय सर.
जवाब देंहटाएंसादर