मंगलवार, 12 अक्टूबर 2021

साधन-संपन्न और साधनहीन

एक पौधा 

रोपा गया 

सबने दिया 

खाद-पानी

सुरक्षा देने की 

सबने ठानी 

पोषित पौधा पल्लवित पुष्पित हुआ

विशाल वृक्ष में तब्दील हुआ 

फलदार हुआ 

फलों को पाने की आशा में 

साधनहीन 

नीचे खड़े-खड़े 

रसीले फलों को 

निहारते रहे 

हवाई पहुँचवाले 

क्रेन आदि लाए

साथ सुरक्षा भी लाए  

सारे फल तोड़ ले गए

साधनविहीन शोर मचाते रह गए।   

© रवीन्द्र सिंह यादव 

विशिष्ट पोस्ट

युद्ध और भूख

हम जानते हैं  दुनिया में भूख का साम्राज्य  युद्दों की देन है  फिर भी कुछ खाए-पिए-अघाए  युद्द कैसे हों  इस रणनीति पर  सोचते दिन-रैन हैं पसरते...