बुधवार, 28 अगस्त 2019

पत्नी का दिया फ़ॉर्मूला कहता है...







कविवर विष्णु नागर जी के शब्दों में-

'पत्नी से बड़ा कोई आलोचक नहीं होता

उसके आगे नामवर सिंह तो क्या

रामचंद्र शुक्ल भी पानी भरते हैं

अब ये इनका सौभाग्य है

कि पत्नियों के ग्रंथ मौखिक होते हैं, कहीं छपते नहीं '


वहीं दूसरी ओर वे जीवन को कविता कहते हैं- 

'जीवन भी कविता बन सकता है

बस उसे लिखना आना चाहिए '


निष्पक्ष और सख़्त आलोचक

पत्नी जैसा हो  

आपके साथ हो  

तो निस्संदेह 

कविता नज़र आयेगी 

काव्य-कर्म के उत्तुंग शिखर पर

कविता में सामाजिक सरोकारों का 

सार्थक समावेश 

अन्याय का मुखर विरोध 

समूह की बर्बर तानाशाही का 

सक्षम सबल प्रतिरोध  

मनोरंजन की स्वीकार्य मर्यादा

ट्रोल से दूर रहने का सच्चा वादा  

किसी भी देश को जानने के लिये 

उस दौर के शासक को 

नहीं चाहेंगे लोग जानना 

साहित्य-कर्म के ज़रिए 

उचित है सृजनात्मक तारीख़ को 

वास्तविकता में जानना।                                                                                                                                 

कविता का कादम्बरी कद  

जीवन की कतिपय 

विद्रूपताओं-विसंगतियों के 

सहज समावेश से ऊँचा उठता है

प्रेमी / प्रेमिकाओं के साथ कविता  में 

संयोग और वियोग  शृंगार  के 

मानकों  की पराकाष्ठा उभरती है

शृंगार रस में पगी कविता 

दिल की गहराइयों में उतरती है।   


प्रेम में भाव गूँथने के लिये 

बहुतेरे शब्द ज़रूरी होते हैं

पाठक को सांगोपांग अनुभव कराने हेतु  

पत्नी का दिया फ़ॉर्मूला कहता है-

थोड़े में ज़्यादा कहो 

अपनी कालजयी कविता में 

सरोकार, स्वस्थ मनोरंजन, ज्ञान,

सामयिक सच और विचार भरो!

आत्मचेतस लेखक न बनो,

पीड़ित मानवता का दर्द लिखो!

सोये समाज का मर्म लिखो! 

व्यक्ति का महिमामंडन नहीं,

क़लम का स्वधर्म लिखो!

© रवीन्द्र सिंह यादव

शुक्रवार, 23 अगस्त 2019

'ग्लोबल बुक ऑफ़ लिटरेचर रिकॉर्ड्स' 2019 में दर्ज़ किया गया है ब्लॉगर पम्मी सिंह 'तृप्ति' का नाम

भारतीय साहित्य जगत् के लिये एक सुखद समाचार आपके साथ साझा किया जा रहा है। 
जानी मानी ब्लॉगर आदरणीया पम्मी सिंह 'तृप्ति' जी का नाम 
'ग्लोबल बुक ऑफ़ लिटरेचर रिकॉर्ड्स' 2019 में दर्ज़ किया गया है। विश्व की सर्वाधिक लोकप्रिय 111 महिला साहित्यकारों की सूची में एक नाम आदरणीया पम्मी सिंह 'तृप्ति' जी का भी शुमार किया गया है। 
इस शानदार उपलब्धि पर हार्दिक बधाई एवं उज्ज्वल भविष्य की मंगलकामनाएँ। 
साहित्य क्षेत्र के लिये यह एक विशिष्ट उपलब्धि है। देश के लिये गर्वोन्नत होने का शानदार विषय है। सृजन कर्म से जुड़े ऊब चुके रचनाकारों के लिये ऑक्सीजन है। 


           पम्मी जी के सृजन कर्म में मख़मली एहसासात को तसव्वुर में नज़ाकत से संजोया गया है वहीँ जज़्बात को दिलकश अंदाज़ से लबरेज़ करना इनकी ख़ूबी है। इनका कविता कहने का अंदाज़ निराला है जिसमें नवीनता की ख़ुशबू महसूस होती है। सुकोमल भावों को उकेरने लिये ज़रूरी है चिंतन में प्रकृति और सामाजिक सरोकारों का स्पर्श समाहित हो जिसका पम्मी जी ने भरसक प्रयास किया है। 
पम्मी जी साहित्य की विभिन्न विधाओं में निरंतर रचनाकर्म में रत हैं। 
इनकी प्रकाशित पुस्तकें हैं -
1. काव्यकाँक्षी  
2.  24 लेखक 24 कहानियाँ 
3. सबरंग क्षितिज:विधा संगम 
आपके अनेक साझा पुस्तक संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। 
हमारी ओर  से  पम्मी जी को पुनः ढेरों शुभकामनाएँ एवं बधाई। 


सोमवार, 19 अगस्त 2019

नीड़


निर्माण न्यारे नीड़ का 

नित-नित  करती, 


वह नन्ही चिड़िया 


जोखिमभरी ज़िद करती। 


बस्तियाँ ही बस्तियाँ हैं 


तिनके अब 

बहुत दूर-दूर मिलते,


वृक्ष रोपने निकले  

आवारा राही के 


नक़्श-ए-क़दम नहीं मिलते।


ख़ामोशियों में डूबी 


चिड़िया उदास नहीं, 


भले ही दरिया-ए-ग़म का 


किनारा भी अब पास नहीं। 


गुज़रना है ख़ामोशी से 

दिल में ख़लिश 

ता-उम्र सब्र का साथ लिए, 


फल की चिंता किए बग़ैर

कर्मरत है चिड़िया  

ख़ुद से जीने का समझौता किए। 

शजर की शाख़ पर 

हालात से लड़कर 


संजोया है प्यारा नशेमन 

कुछ लम्हात के लिए,

हालात की आँधी में  

पालना है पीढ़ी को 


हो क़ाबिल ऊँची उड़ान के लिये।  


© रवीन्द्र सिंह यादव 


बुधवार, 14 अगस्त 2019

सुनो प्रिये !


सुनो प्रिये !

मैं बहुत नाराज़ हूँ आपसे

आपने आज फिर भेज दिये

चार लाल गुलाब के सुंदर फूल

प्यारे कोमल सुप्रभात संदेश के साथ

माना कि ये वर्चुअल हैं / नक़ली हैं 

लेकिन इनमें समाया

प्यार का एहसास / महक तो असली है

नादाँ हूँ / प्रकृतिप्रेमी हूँ  / कवि हूँ

कदाचित मुझे ये फूल असली लगते हैं 

आपकी साइंटिफ़िक समझ का क़ाएल हूँ 

ये चार फूल हृदय के चारों चेम्बर्स के लिये- 

Two atria and two ventricles.

 1. Right Atrium 

   2. Right Ventricle 

3. Left Ventricle 

4. Left Atrium 




नज़र सोख लेती है प्यारे गुलाब में 

लिपटे पुरकशिश पुरनूर जज़्बात  

सच कहूँ एक फूल ही काफ़ी है

ख़ून में घुलकर ऑक्सीजन के साथ 

तन के पोर-पोर में प्यार महकाने के लिये 

अब मेरी छेड़ की बात सुनो!

रोज़ रखती रहना

सुप्रभात संदेश आबा-जाही में  

सिर्फ़ एक लाल गुलाब का फूल 

नहीं तो मौक़ा पाकर  

कोई रख न दे दिल में 

नये तरह का आकर्षक फूल 

और जब वो नागफनी बनकर 

फैलेगा नुकीले काँटों के साथ 

तो दिल के सभी चेम्बर्स में चुभेगा

मख़मली नाज़ुक एहसासात को 


बेरहमी से लहूलुहान करेगा  

तब बहुत याद आयेगी आपकी 

मत भूलना सिर्फ़ एक फूल रोज़!

सिर्फ़ एक Red Rose!! 

काश! ये तीन शेष फूल 


कहीं और भी जाकर 


प्यार को महकाते 


तो तीन और प्यारभरे दिल 


मेरे देश में बढ़ते! 


नफ़रतों के तूफ़ान से 


शिद्दत के साथ लड़ते!


जय हिंद !


© रवीन्द्र सिंह यादव

मंगलवार, 13 अगस्त 2019

कश्मीरी लड़की



हाँ मैं कश्मीरी लड़की हूँ! 

अपने देशवासियों पर भड़की हूँ। 

मेरा रंग और बदन पसंद तुम्हें, 

ये मनोविकार हैं नापसंद मुझे,

गुल बनो!

गुलफ़ाम को लेने,

आ जाना गुलशन में!

बदल सकोगे जलवायु अपने इलाक़े की?

जिसमें पलकर मैं बड़ी हुई  

सुमन पाँख-सी कोमल हूँ 

स्त्री का सम्मान करो बदलो सोच सड़ी हुई।   

ईद मुबारक उन्हें भी 

जो मेरे रंगरूप पर मोहित हैं

ज़ेहन में सिर्फ़ भोग्या का भाव रखते हैं!

© रवीन्द्र सिंह यादव 

शुक्रवार, 9 अगस्त 2019

सुनो मेघदूत!



सुनो मेघदूत!

अब तुम्हें संदेश कैसे सौंप दूँ, 

अल्ट्रा मॉडर्न तकनीकी से, 

गूँथा गया गगन,

  ग़ैरत का गुनाहगार है अब, 

राज़-ए-मोहब्बत हैक हो रहे हैं!

हिज्र की दिलदारियाँ, 

ख़ामोशी के शोख़ नग़्मे, 

अश्क में भीगा गुल-ए-तमन्ना, 

फ़स्ल-ए-बहार में, 

धड़कते दिल की आरज़ू, 

नभ की नीरस निर्मम नीरवता-से अरमान,

 मुरादों और मुलाक़ात का यक़ीं, 

चातक की पावन हसरत, 

अब तुम्हारे हवाले करने से डरता हूँ, 

अपने किरदार से कुछ कहने, 

अब इंद्रधनुष में रंग भरता हूँ। 

© रवीन्द्र सिंह यादव    

शनिवार, 3 अगस्त 2019

राहुल बोस का धन्यवाद दो केले की क़ीमत बताने के लिये

समाचार आया है -

'राहुल बोस ने दो केले की क़ीमत चुकायी  442.50 रुपये।' 

अभिनेता ठहरा था 
चंडीगढ़ के स्टार होटल में, 
बाहर आया महँगाई का जिन्न 
बंद था जो भद्रलोक की बॉटल में। 

मात्र 375 रुपये 
दो केले की एमआरपी, 
जोड़ा गया इसमें 
18 प्रतिशत जीएसटी। 

व्यथित अभिनेता को 
बात रास न आयी,
जनहित में एक 
वीडियो-शिकायत बनायी। 

वीडियो हुआ वायरल,
जनता हुई इमोशनल। 
 
सरकार ने जाँच करायी
फ्रेश फ्रूट फ़्री है जीएसटी से,
पूछा होटल से यह 'कर'   
बिल में जोड़ा किस दृष्टि से।   

अर्थदंड वसूला पच्चीस हज़ार 
नियंत्रित रहे उद्दंड बाज़ार,
केले की क़ीमत पर ख़ामोशी, 
लूट की छूट में गर्मजोशी। 

धन्यवाद राहुल बोस!
किसान को केले की क़ीमत बताने के लिये, 
चंद पैसों का केला सैकड़ों रुपये का... 
उत्पादक से उपभोक्ता तक केले का सफ़र बताने के लिये। 
 
 © रवीन्द्र सिंह यादव

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चित्र: महेन्द्र सिंह  अहंकारी क्षुद्रताएँ  कितनी वाचाल हो गई हैं  नैतिकता को  रसातल में ठेले जा रही हैं  मूल्यविहीन जीवन जीने को  उत्सुक होत...