शनिवार, 24 फ़रवरी 2018

चौकीदार


अपने चमन को हमने सँवारा  

बहाया पसीना सहेजे जज़्बात, 

रौनकों को नौंचने आ गई   

कौए और बाज़ की बारात।


पत्तियाँ हो रही थीं पल्लवित 

फूलों पर आ रहा था निखार, 

आ गये चरने-रौंदने बग़िया जानवर 

धर-धर अपनी-अपनी  बेरहम लात। 


रखवाली के लिए बैठाया 

एक अदद चौकीदार भी, 

लुटेरे करते रहे उसकी जय-जयकार

आत्ममुग्ध समझ न सका पते की बात। 


पूँजी का चरित्र 

लाभ में निहित है, 

नैतिकता की चर्चा 

अब करते रहो दिन-रात।   

© रवीन्द्र सिंह यादव

रविवार, 18 फ़रवरी 2018

शायद देखा नहीं उसने


चराग़-ए-आरज़ू  

जलाये रखना, 

उम्मीद आँधियों  में  

बनाये रखना। 



अब  क्या  डरना 

हालात की तल्ख़ियों से,

आ गया हमको 

बुलंदियों का स्वाद चखना।  



ठोकरें दे जाती  हैं 

जीने का शुऊर ,

कोई  देख पाता है  

 कलियों का चटख़ना। 



काट लेता है कोई शाख़ 

घर अपना बनाने को, 

शायद देखा नहीं उसने 

चिड़िया का बिलखना। 

# रवीन्द्र सिंह यादव 

शुक्रवार, 9 फ़रवरी 2018

जिया जो दूसरों के सपनों पर


मत टिकाओ 
उम्मीद को अपनी 
किसी लफ़्फ़ाज़ के सहारे, 
नहीं  तो डूब जायेगी 
नैया एक दिन 
देखते रह जाओगे किनारे। 


दरारें दिख रहीं हैं 
दूर से मुझको 
संयम के बाँध 
 हैं अब फूटने वाले ,
जायेंगे टूट जब एक दिन 
कच्चे विश्वास के धागे, 
कहेगा कौन तुमको 
कि हो तुम हमारे। 


हो बेहतरी की बात 
या ख़ुशियों भरे दिन हों, 
हलक़ सूखा है 
अब तो इंतज़ार में 
 लगते आज-कल अपने 
ज्यों रौशनी बिन हों, 
देखता हूँ रोज़-रोज़ 
लुटते हुए सपने 
बेहरे हुए को 
कोई कब तक पुकारे। 


थाम लो दामन 
वक़्त की चुनौती का  
राह अपनी बना डालो, 
खोखले आश्वासन 
होते नहीं ज़ख़्म का मरहम 
बुझते चराग़ में 
ज़रा-सा सब्र का 
तेल फिर डालो, 
जिया जो 
दूसरों के सपनों पर 
ज़िन्दगी में झेलता 
ज़िल्लत वही सांझ-सकारे। 

# रवीन्द्र सिंह यादव 

बुधवार, 7 फ़रवरी 2018

कहानी संग्रह पंखुड़ियाँ (24 लेखक एवं 24 कहानियाँ )

कहानी संग्रह
की सूचना साझा करते हुए बहुत ख़ुशी का अनुभव हो रहा है कि इस संकलन में मेरी कहानी "अभावों के स्वभाव" सम्मिलित है। 
देशभर के अलग-अलग राज्यों से प्राची डिजिटल पब्लिकेशन की  इस पहल ने लेखकों को एक प्रतिष्ठित मंच प्रदान किया कहानी संग्रह का आयोजन करते हुए। 
पंखुड़ियाँ कहानी संग्रह अब राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय ई-स्टोर्स पर 24 जनवरी 2018 से उपलब्ध है।  

मुझे प्राची डिजिटल पब्लिकेशन की ओर से अपने मित्रों / परिचितों के लिए 10 डिस्काउंट कूपन दिए गये हैं। इच्छुक पाठक  नीचे लिखे कूपन कोड का इस्तेमाल करते हुए (प्रथम 10 ख़रीदार)

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