रविवार, 24 दिसंबर 2023

बादल को बरस जाना है

चित्र: महेन्द्र सिंह 

दो गर्वोन्नत अहंकारी बादल

बढ़ा रहे थे असमय हलचल 

मैंने भी देखा उन्हें

नभ में  

घुमड़ते-इतराते हुए

डराते-धमकाते हुए

आपस में टकराए  

बरस गए

बहकर आ गए 

मेरे पाँव तले

नदी की ओर बह चले

लंबा सफ़र तय करेंगे 

सागर में जा मिलेंगे।  

 ©रवीन्द्र सिंह यादव      

शनिवार, 2 दिसंबर 2023

अँधेरा-उजाला और भूख

चित्र:महेन्द्र सिंह 

रात का काजल कितना काला 

भोर प्रतीक्षा-सा हुआ निवाला  

देती चिड़िया चूजों को आश्वासन

सूरज निकले तब मिलेगा राशन

अनमनी रवीनाएँ ले-ले जम्हाई

बिखरा देंगीं धूप जो है अलसाई

भूख से लड़ने भरेंगे पंख उड़ान

किसके माफिक हुआ है जहान?

©रवीन्द्र सिंह यादव 


शब्दार्थ:

1. निवाला (हिंदी) = कौर,गस्सा,ग्रास 

2. राशन / RATION (English) = खाद्यान्न आदि का निश्चित व नियंत्रित मात्रा में वितरण,रसद (अरबी,फ़ारसी)

3. अनमनी (हिंदी) = बेमन से, अप्रसन्न

4.रवीनाएँ = सूरज की किरणें,रश्मियाँ 

5.जम्हाई (हिंदी)  = उबासी, जागते समय मुँह के खुलने की स्वाभाविक प्रक्रिया,जँभाई (देशज), उच्छ्वास (संस्कृत) 

6. अलसाई (हिंदी) = आलसयुक्त,आलस से भरी, सुस्त

7.माफिक (संस्कृत) = अनुकूल,अनुसार, मुवाफ़िक़ (अरबी) 

8.जहान/जहाँ (फ़ारसी) = संसार,दुनिया,लोक,जगत्


     

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