सोमवार, 29 अक्टूबर 2018

#MeeToo मी टू सैलाब ( वर्ण पिरामिड )


ये

मी टू

ले आया

रज़ामंदी

दोगलापन

बीमार ज़ेहन

मंज़र-ए-आम पे !



वो

मर्द

मासूम

कैसे होगा

छीनता  हक़

कुचलता रूह

दफ़्नकर ज़मीर !



क्यों

इश्क़

रोमांस

बदनाम

मी टू सैलाब

लाया है लगाम

ज़बरदस्ती को "न"





मानो

सामान

औरत को

रूह से रूह

करो महसूस

है ज़ाती दिलचस्पी।



है

चढ़ी

सभ्यता

दो सीढ़ियाँ

दिल हैं ख़ाली

तिजोरियाँ भरीं

भौतिकता है हावी।



हो

तुम

बौड़म

मानते हो

होठों पर न

स्त्री के दिल में हाँ

बे-बुनियाद    सोच।

© रवीन्द्र सिंह यादव

शुक्रवार, 26 अक्टूबर 2018

जंगल में आग



जंगल की राजधानी  में


अचानक 

शरद ऋतु में 

गर्मी बढ़ी

हुई हवा से 

नज़ाकत नमी नदारत 

साँसों में बढ़ती ख़ुश्की 

बहुत हलकान ज़िन्दगी 

झरे पीले पत्ते पेड़ों से 

घाम में घिसटती घास 

तपन से मुरझा गयी

गर्म हवा ने रुख़ किया 

अपने आसमान का 

दबाव क्षेत्र निर्मित हुआ 

ठंडी हवा गर्म हवा का 

ख़ाली स्थान भरने 

प्रचंड वेग से बही 

सुदूर से आती हवा 

तीव्र तूफ़ान बनी 

विशाल वरिष्ठ वृद्ध वृक्षों की 

वक्र शुष्क टहनियाँ 

बाँस के गगनचुम्बी झुरमुट 

रगड़ने लगे आपस में 

चिंगारियाँ लम्बी हुईं 

उड़ने लगे पलीते 

दहकने लगे शोले 

सूखी घास सहायक हुई

जंगल में फैल गयीं 

आक्रामक आग की लपटें 

छा गया धुआँ ही धुआँ हर सू 

मासूम वन्य जीव 

जलकर टोस्ट बन गये 

जंगल का राजा सोता रहा 

सुरक्षित महल-सी माँद में 

पर्याप्त भोज्य भंडार के साथ 

अधजले घायल प्राणी

निकाल रहे थे भड़ास 

अपने निकम्मे गुप्तचर तंत्र पर 

माँद में भरा धुआँ 

बढ़ी असहनीय तपिश 

तब खाँसते हुए 

वनराज बाहर आया 

कराहते प्राणियों की पीड़ा देख 

मन ही मन ख़ुश हुआ 

अगले पल भावी भोजन की

गहन चिंता में मग्न हुआ 

जंगली मीडिया फूला समाया 

देखकर अपने पापों के सबूत

जलकर राख होने की 

प्रबल सम्भावना पर 

सुलगते भयावह जंगल को देख 

सजग सक्रिय बुद्धिजीवियों ने 

चिंतन बैठक आयोजित की 

सरकार से हवाई बौछार का 

विनम्र आग्रह किया 

पर्यावरणप्रेमी आगे आये 

हरियाली के झंडे बैनर लिये।
  

 © रवीन्द्र सिंह यादव

गुरुवार, 25 अक्टूबर 2018

स्त्रीलिंग-पुल्लिंग (वर्ण पिरामिड)

            

     मानक हिंदी और आम बोलचाल की हिंदी में हम अक्सर लोगों को स्त्रीलिंग-पुल्लिंग संबंधी त्रुटियाँ   करते हुए पाते हैं। हिंदी-पट्टी के रचनाकारों के लेखन में भी प्रायः इस प्रकार की ग़लतियाँ पाई जाती हैं। दक्षिण भारत,पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पूर्वोत्तर भारत के लोग भी हिंदी बोलते-लिखते समय स्त्रीलिंग-पुल्लिंग संबंधी त्रुटियाँ करते हैं जो कभी-कभी हास्य पैदा करती हैं।           दिल्ली के एक अस्पताल में एक नर्स ने सीधे अपने गृह प्रदेश केरल से आकर नौकरी ज्वाइन की तो उसे आम मरीज़ों की बात समझने के लिए हिंदी सीखने की सलाह दी गई।नर्स ने हिंदी बोलना सीखने में रूचि दिखाई तो सहकर्मी उसे हिंदी भाषा सिखाने लगे।सर्दी के मौसम में एक दिन नर्स अपनी हिंदी-भाषी सहेली से कहती है"मेरी होंठ टूट गई।" (वह कहना चाहती थी- "मेरा होंठ फट गया।") सुनकर लोग हँसे लेकिन सबने उसकी हिंदी-भाषा सीखने की लगन की तारीफ़ की। 

        पूर्वोत्त्तर और दक्षिण भारत के लोगों को हम अक्सर लिंग (Gender संबंधी विपरीत शब्दों का प्रयोगकरते हुए पाते हैं। हम अक्सर बातों-बातों में उनकी ये त्रुटियाँ सुधरवाने का प्रयास भी करते हैं।दक्षिण भारतीय या पूर्वोत्तर भारत की नर्स के मुँह से हम अक्सर सुनते हैं-"डॉक्टर गीता  गया।"..... "डॉसुधीर आज नहीं आएगी"  

      हम इन ग़लतियों को हल्के-फुल्के तौर पर लेते हैं और कभी-कभी हँस भी लेते हैं।पूर्वोत्तर और दक्षिण भारत में वहाँ की स्थानीय भाषा के साथ अँग्रेज़ी भाषा में प्रमुखतः पढ़ाई होती है अतः हिंदी भाषा का स्त्रीलिंग-पुल्लिंग व्याकरण अँग्रेज़ी भाषा के व्याकरण से अलग होने के  कारण ऐसी त्रुटियाँ आम हो गई हैं। 

      यहाँ हिंदी भाषा व्याकरण के स्त्रीलिंग-पुल्लिंग को आंशिक रूप से वर्ण-पिरामिड के माध्यम से आपके समक्ष प्रस्तुत किया गया है- 

अपवाद

धातुएँ- (सोना, ताँबा, लोहाकाँसा,पीतल,पारा,जस्ता,एल्युमिनियम,टिन,प्लैटिनम आदिपुल्लिंग होती हैं  लेकिन चाँदी स्त्रीलिंग।  


फल-  
(
अमरुद,अनानास,आम,अँगूर,अंजीर, संतराकेलापपीतानींबू,बेर,जामुन,चीकू,अनार,सेब,शरीफा (सीताफल),खीरा,खरबूज़ा,तरबूज़,बेल आदि ) पुल्लिंग हैं लेकिन नारंगी, नाशपाती, मौसम्मी, लीची,ककड़ी आदि स्त्रीलिंग  

 

शरीर के कुछ अंग / अवयव- हाथपैरमाथासरगालपेटबालहोंठनाख़ुनअँगूठाघुटना, टखनातलवारोमगला,पंजा आदिपुल्लिंग हैं 
तो कुछ अंग अवयव जीभनाक, उँगलीआँखपलक, भौंह, मूँछएड़ीत्वचाहड्डी, खोपड़ीगर्दन, रीढ़, पीठ, हथेली, जाँघआँतरग (नस, शिरा), धमनी, छाती, दाढ़ी आदि स्त्रीलिंग हैं।

   

रत्न- (हीरा,पन्ना,पुखराजमूँगामोतीनीलम आदि ) पुल्लिंग हैं 

तो मणि  स्त्रीलिंग।   

   

तारे,ग्रह,उपग्रह - (सूर्य,मंगलबुधबृहस्पतिशुक्रशनि,चंद्रमा आदि ) पुल्लिंग हैं तो पृथ्वी स्त्रीलिंग है।  


तरल पदार्थ  (दूध,दही,छाछ(मट्ठा)पानी, तेल, अल्कोहल, पेट्रोल, डीज़ल, केरोसीन(मिट्टी का तेल), रस, तेज़ाब, अमृत, बिष, शर्बत, सिरका, सोडा, कोला आदि पुल्लिंग हैं तो शिकंजी, शराब (मदिरा), ताड़ी, दारु आदि स्त्रीलिंग।         

है 

दिन 

पुल्लिंग 

रजनी स्त्री 

पावक जल 

होते विपरीत 

यों ही धरा आकाश।



है 

चाँदी 

स्त्रीलिंग 

सोना उल्टा   

बड़ी दुविधा 

दुनिया संसार 

पुल्लिंग हुए देश। 



ये 

बाग़ 

सागर 

फल-फूल 

कारोबार में 

आलय प्रत्यय 

पुल्लिंग अधिकारी। 




ज्यों 

भाषा 

नदियाँ 

लिपि लता 

तिथियाँ सभी 

चिड़िया गुड़िया 

है स्त्रीलिंग दुनिया। 



हैं 

पेड़ 

पर्वत 

ग्रह धातु 

महीना दिन 

अंग अपवाद 

पुल्लिंग हुए रत्न।  



ता 

अनी 

आवट 

इया इमा 

प्रत्यय जुड़े 

स्त्रीलिंग के साथ 

  और  ईकारांत। 

 © रवीन्द्र सिंह यादव

 

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युद्ध और भूख

हम जानते हैं  दुनिया में भूख का साम्राज्य  युद्दों की देन है  फिर भी कुछ खाए-पिए-अघाए  युद्द कैसे हों  इस रणनीति पर  सोचते दिन-रैन हैं पसरते...