मंगलवार, 1 अगस्त 2017

कानों सुनी -आँखों देखी



आज शेरू बीमार है
तेज़ बुखार है
डॉग-क्लीनिक से
डॉक्टर आया
शेरू को 
आला लगाया
ब्लड / यूरिन टैस्ट
ज़रूरी बताया। 



शाम  तक 
रिपोर्ट आयी
यूटीआई....
टीएलसी हाई
डॉक्टर ने 
लिखी दवाई
शेरू ने 
बेमन  से  खाई।



बुखार धीरे-धीरे  
उतर गया
मालिक 
खुश हो गया
शेरू कुछ खाकर 
सो गया
मालिक उलझन में 
खो गया
समय अपनी चाल से  
बीत रहा  है
मालिक का चैन  
रीत रहा  है
नींद कोसों दूर 
खड़ी है
मालिक को सोने की 
पड़ी है।



बदलता रहा 
मालिक
रात दो बजे
तक करवटें
पड़तीं रहीं
बिस्तर में
सैकड़ों सिलवटें
मालिक को
हल्की-सी
नींद गयी
आसपास
नीरवता छा गयी।



तीन बजे अचानक
शेरू भौंकने लगा
सोते-जागते
मालिक चिढ़ने लगा
शेरू और तीव्रता से
भौंकने लगा
मालिक उठा
जब चौंकने लगा।



क्यों बेकार
चिल्ला रहे हो
आज सोने नहीं दोगे .. .
मालिक शेरू को
डांटते हुए बोला
गरमागरम गुस्से में 
शब्द-पर्स खोला। 



शेरू के इशारे पर
मालिक ने
खिड़की से 
पर्दा सरकाया
दूसरी ओर 
काला साया 
नज़र आया
धम्म-सी 
आवाज़ हुई
साया सड़क पर
दौड़ता नज़र आया
मालिक ने तुरत
सौ नंबर मिलाया। 




शेरू शांत हो गया 
मालिक का मन 

क्लांत हो गया
शेरू पर अब 
प्यार का सागर 
उमड़ आया
मालिक ने 
थपकी देकर
रुँधे गले से 
गले लगाया।

#रवीन्द्र सिंह यादव  

2 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (12-08-2020) को "श्री कृष्ण जन्माष्टमी-आ जाओ गोपाल"   (चर्चा अंक-3791)   पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    योगिराज श्री कृष्ण जन्माष्टमी  की 
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'  
    --

    जवाब देंहटाएं
  2. इन भावपूर्ण,मार्मिक पंक्तियों ने एक ओर पशुओं के प्रति मनुष्य के व्यवहार को चित्रित किया है तो दूसरी ओर उस सामाजिक विडंबना को भी उद्घाटित किया है जहाँ आपको समाज तब तक गले नहीं लगाता जबतक आप उसके प्रति अपनी वफ़ादारी और योग्यता का प्रमाण पत्र उसे नहीं दिखाते।बाल मन पर भी यह कविता अपना सुंदर प्रभाव डालती है।

    जवाब देंहटाएं

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