रविवार, 29 अक्तूबर 2017

ब्लॉग का एक वर्ष मुकम्मल हुआ

              कल (28-10-2017)   "हिंदी आभा*भारत" ब्लॉग का एक वर्ष मुकम्मल हुआ। उपलब्धियों के नाम पर ज़्यादा कुछ नहीं है बताने के लिये, बस इतना ही ब्लॉगिंग ने मुझे नई दिशा दी है लेखन में निखार लाने हेतु। इससे पहले लेखन आकाशवाणी और दैनिक समाचार-पत्रों के लिये  चलता रहा।  2012 से  ऑनलाइन समाचार पत्रों में लिखना आरम्भ किया। 2014 के बाद समाचार-पत्रों के कंटेंट में आश्चर्यजनक बदलाव आया। मैं जिस समाचार-पत्र समूह में सक्रिय रहा वहाँ मुझे हतोत्साहित किया जाने लगा फिर भी लिखता रहा। ब्लॉगिंग के बारे में सुनता रहता था लेकिन यह कैसे आरम्भ किया जाता है इसका ज्ञान नहीं था। लेकिन मेरे भीतर बेचैनी बढ़ती गयी और एक दिन गूगल सर्च में ब्लॉगर डॉट कॉम के बारे में पढ़ा तो कुछ समझ आया कि ब्लॉग कैसे तैयार होता है।

          अंततः ब्लॉग तैयार हो गया 
( https://hindilekhanmeridrishti.blogspot.com) जिसको नाम दिया  "हिंदी आभा*भारत।" पहली रचना "नई सुबह" पोस्ट की। सब कुछ सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। ब्लॉग पर फीचर्स जोड़े। अगले दिन ब्लॉग का डैश बोर्ड (ब्लॉगर) पेज़ देखा। "आँकड़े" को क्लिक किया तो पेज़ देखे जाने की संख्या दिखायी दी फिर "ऑडिएंस" को क्लिक करने पर उन देशों के नाम आये जहाँ रचना पढ़ी गयी। इतना जानकर उत्साह बढ़ता ही चला गया लेकिन एक अपरिचित दुनिया में अपने लिये स्थान बनाना असंभव-सा  लग रहा था। कुछ टिप्पणियाँ आना शुरू हुईं। मनोबल और बढ़ा। 

          नई सुबह, आशा, बहुरुपिया, लकड़हारा, बादल आवारा,
आज जलंधर फिर आया है..., आजकल  रचनाएँ पोस्ट कीं।
 सर्वाधिक ख़ुशी का क्षण उस वक़्त आया जब चर्चित लोकप्रिय ब्लॉग "उलूक टाइम्स" के ज़रिये अपनी धारदार व्यंगात्मक रचनाओं से धूम मचाने वाले प्रतिष्ठित वरिष्ठ  ब्लॉगर आदरणीय प्रोफ़ेसर (डॉ.) सुशील कुमार जोशी जी ने आशीर्वाद स्वरुप मेरी रचना पर लिखा "सुंदर"। जब मैंने उनका ब्लॉग देखा और पढ़ा तो आश्चर्य में डूब गया कि इतने वरिष्ठ ब्लॉगर ने मेरी रचना को  नोटिस किया और मनोबल बढ़ाया। बाद में उन्होंने मुझे प्रोत्साहित करते हुए अन्य ब्लोगर्स के ब्लॉग पर टिप्पणी लिखने हेतु मार्गदर्शन दिया और उनके आशीर्वाद व स्नेह ने मुझमें नई ऊर्जा भर दी।
         
            एक माह पूरा होने पर अचानक हलचल पैदा हुई जब आदरणीय कुलदीप ठाकुर जी ने 28-12 -2016 को प्रकाशित मेरी रचना "कल और आज" का चयन 29-12-2016  के "पाँच लिंकों का आनन्द" के अंक हेतु किया।  सूचना पाकर मन आल्हादित हुआ और इस प्रतिष्ठित ब्लॉग पर आकर उत्कृष्ट रचनाओं का संग्रह मिला, साथ ही सीखने को मिला कि ब्लॉग को कैसे सजाया जाता है। उसके बाद इस ब्लॉग पर मुझे निरंतर मौक़े मिलते रहे और एक समय ऐसा आया जब आदरणीया यशोदा अग्रवाल जी ने पहले मुझे पाठक की पसंद के अंतर्गत अपनी पसंदीदा रचनाएँ "पाँच लिंकों का आनन्द"  ब्लॉग पर प्रस्तुत  करने का अवसर दिया और बाद में इस प्रतिष्ठित ब्लॉग का चर्चाकार भी बना दिया।

           दुर्घटना - मार्च 2017 में ब्लॉग के लिए डोमेन गूगल से ख़रीदा।  डोमेन इंस्टाल करते हुए 7 अप्रैल 2017 को ब्लॉग से पिछली सारी टिप्पणियाँ विलुप्त हो गयीं। ब्लॉग की तरह मन भी सूना हो गया तब सर्वप्रथम आदरणीया मीना  शर्मा जी ने मनोबल बढ़ाया और ब्लॉग फिर से टिप्पणियों से भरने लगा।

             इस यात्रा में सर्व आदरणीय जनों  दिगंबर नासवा जी, राजेश कुमार राय जी, जयंती प्रसाद शर्मा जी, अमित अग्रवाल जी, विभा रानी श्रीवास्तव जी, यशोदा अग्रवाल जी, दिग्विजय अग्रवाल जी, राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही" जी, सुधा देवरानी जी, विश्वमोहन जी,श्वेता सिन्हा जी, ज्योति देहलीवाल जी, रेणुबाला जी, ध्रुव सिंह "एकलव्य" जी, पम्मी सिंह जी, कविता रावत जी, जमशेद आज़मी जी, हर्षवर्धन जोग जी, सतीश सक्सेना जी, डॉ. रूप चंद शास्त्री "मयंक"जी, डॉक्टर जैनी शबनम जी, शुभा मेहता जी, एम. रंगराज अयंगर जी, विनोद शर्मा जी, विरेश कुमार जी, तुषार रोहिल्ला जी,ऋतु असूजा जी, अर्चना जी, पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा जी, विभा ठाकुर जी, कैलाश शर्मा जी, सुधा सिंह जी, दीपक भारद्धाज जी, देव कुमार जी, अपर्णा बाजपेयी जी, अभिलाषा अभि जी, मीना भारद्धाज जी, दिव्या अग्रवाल जी, लोकेश नशीने जी, हर्षवर्धन श्रीवास्तव जी, अमित जैन "मौलिक" जी, डॉक्टर इंदिरा गुप्ता जी, रिंकी रावत जी, नीतू ठाकुर जी, शकुंतला शकु जी,पुष्पेंद्र द्धिवेदी जी और  आनंद जी  आदि का भरपूर सहयोग एवं समर्थन मिल रहा है। जो नाम छूट गये  हैं उनसे सादर क्षमा चाहता हूँ।

         फिलहाल अपने समस्त ब्लॉगर साथियों एवं वरिष्ठ रचनाकारों का हार्दिक आभार। समस्त सुधिजनों का हार्दिक आभार जिन्होंने  ब्लॉग पर आकर रचना का वाचन किया और टिप्पणियों के द्वारा प्रोत्साहन दिया।
सादर।

@रवीन्द्र सिंह यादव


मेरे अन्य ब्लॉग -

हमारा आकाश:शेष-विशेष
https://ravindrasinghyadav.wordpress.com


चैनल : मेरे शब्द-स्वर (YouTube.com)

@रवीन्द्र सिंह यादव

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

आपकी टिप्पणी का स्वागत है.

विशिष्ट पोस्ट

मूल्यविहीन जीवन

चित्र: महेन्द्र सिंह  अहंकारी क्षुद्रताएँ  कितनी वाचाल हो गई हैं  नैतिकता को  रसातल में ठेले जा रही हैं  मूल्यविहीन जीवन जीने को  उत्सुक होत...