मंगलवार, 8 जून 2021

करियर

          आज महक अपनी कहानी सोशल मीडिया पर साझा करते हुए बीते दिनों की कसक स्मरण करती है। ख़यालों में डूब जाती है और आक्रोशित मन में उठते अतीत और वर्तमान के प्रश्नों के मकड़जाल में उलझते हुए मुट्ठियाँ भींच लेती है।  

          महक टीवी एंकर रही थी एक प्रतिष्ठित मीडिया समूह के चैनल में। उसके कार्यक्रम के दौरान विचारोत्तेजक बहस में अपना पक्ष कमज़ोर होने पर सत्ताधारी पार्टी का नेता अहंकार में डूबकर महक पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए उसे उकसा रहा था। महक ने सत्ताधारी पार्टी के प्रवक्ता को शो छोड़कर चले जाने को कहा था। अगले दिन चैनल सरकारी कोप का भाजन बना था। 

         कुछ महीनों बाद महक को एक नामी विदेशी विश्वविद्यालय में अध्यापन हेतु प्रोफ़ेसर पद का प्रस्ताव आया था। महक उस अप्रत्याशित प्रस्ताव को पाकर आल्हाद से भर गई थी। सोच रही थी पिछले दिनों उसके कार्यक्रम के वायरल हुए वीडियो का असर हुआ है शायद...!

         महक नए अंतरराष्ट्रीय संस्थान में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने हेतु उतावली हो उठी थी। कार्यरत चैनल से स्वीकार हुए इस्तीफ़े के साथ महक ने सभी माँगे गए दस्तावेज़ संबंधित विदेशी संस्थान को प्रेषित कर दिए थे पूरी गोपनीयता बरतते हुए। चैनल से दिए महक के इस्तीफ़े से उसके निकट संबंधी और शुभचिंतक हैरान थे क्योंकि उसने अपनी योजना में किसी को शामिल नहीं किया था,नया प्रस्ताव देनेवाले संस्थान ने ऐसी शर्त भी रखी थी। 

        कई महीनों इंतज़ार के बाद महक ने उस देश में रहनेवाले मित्र से संस्थान में जाकर जानकारी लेने के लिए गुहार लगाई थी।  तब मित्र ने पत्राचार का विस्तृत विवरण उस विदेशी संस्थान में जाकर प्रस्तुत किया तो पाया कि यह सब उसकी नौकरी खाने के लिए फ़ेक आईडी से संपन्न किया गया सायबर अपराध के षड्यंत्र का हिस्सा था। महक को जब यह सब पता चला तो उसे काटो तो ख़ून नहीं...

©रवीन्द्र सिंह यादव


5 टिप्‍पणियां:

  1. ..... और इस प्रकार एक बार फिर सत्य पर असत्य की जीत हुई।
    यदि सत्य के पक्ष में रहने के ,अपना कर्म करने के यूँ दुष्परिणाम भोगने पड़े तो कोई क्यों सत्य कहे?

    इस दौर में एसी निर्भीकता अब कम देखने को मिलती है और जहाँ मिली वहाँ इसके दुष्परिणाम भी दिखे। अब यह कहना पूर्णतः उचित है कि झूठ ने अपने पाँव पूरी तरह पसार लिए हैं और इसकी तो कोई वैक्सीन भी नही।

    अब महक की यह कहानी शेयर तो खूब होगी पर उसके पक्ष में खड़ा कौन होगा?

    सत्य एवं विचारणीय कथा आदरणीय सर।
    प्रणाम आपकी लेखनी को 🙏

    जवाब देंहटाएं
  2. This is really fantastic website list and I have bookmark you site to come again and again. Thank you so much for sharing this with us impress girl
    bewafa shayari
    rip quotes
    blood donation quotes
    frustration quotes
    smile quotes
    upsc motivational Quotes

    जवाब देंहटाएं
  3. हर क्षेत्र में धांधली और नीचता, कैसे बचें आखिर कोई।
    सत्य कर तीखी नजर है आपका लेख।
    सटीक यथार्थ।

    जवाब देंहटाएं
  4. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (१६-०६-२०२१) को 'स्मृति में तुम '(चर्चा अंक-४०९७) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  5. सार्थक विषय उठाया है आपने रवींद्र जी,सार्थक लेखन ।

    जवाब देंहटाएं

आपकी टिप्पणी का स्वागत है.

विशिष्ट पोस्ट

फूल और काँटा

चित्र साभार: सुकांत कुमार  SSJJ एक हरी डाल पर  फूल और काँटा  करते रहे बसर फूल खिला, इतराया  अपने अनुपम सौंदर्य पर  काँटा भी नुकीला हुआ, सख़्त...