शुक्रवार, 16 जून 2023

सहजबोध

चित्र:महेन्द्र सिंह 

कुसुम कलियाँ 

कदाचित 

कोमलता की कुटिलता को 

कोसती होंगीं  

जब कोई 

पथरीला स्पर्श 

उनकी रूह को छूकर 

खिलने के उपरांत 

मुरझाने का 

सहजबोध लाता होगा। 

© रवीन्द्र सिंह यादव    

4 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" सोमवार 03 जूलाई 2023 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.com पर आप भी आइएगा  धन्यवाद!

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  2. मित्र, आज के विषैले माहौल में फूल खिलते कम हैं, मुरझाते ज़्यादा हैं.

    जवाब देंहटाएं

आपकी टिप्पणी का स्वागत है.

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