देख रहा हूँ चींटियों को
कतारबद्ध चलते हुए
कुछ जातीं चींटियाँ
कुछ आतीं चींटियाँ
सोच रहा हूँ
कितनी दिमाग़दार हैं चींटियाँ
अपनी रानी की
सेवादार / तीमारदार हैं चींटियाँ
विज्ञान-साहित्य ने
इन्हें भी नाम दिया है
रानी और मज़दूर चींटियाँ
अफ़सोस!
यहाँ भी
पूँजीवाद-सा भेदभाव!
एकता-शक्ति का
अनुपम उदाहरण हैं चींटियाँ
अंडा ले बिल से निकल पड़ें
तो कारण हैं चींटियाँ
लगतीं हैं अब तो
प्रवासी श्रमिकों-सीं चींटियाँ
किसी सियासी सरहद से
बेख़बर रहतीं हैं चींटियाँ
बड़े लक्ष्य
हौसले से हासिल करने
हाथ डालतीं हैं चींटियाँ
सतत प्रयत्नशील रहने का
सबक़ सिखातीं हैं चींटियाँ।
©रवीन्द्र सिंह यादव
कतारबद्ध चलते हुए
कुछ जातीं चींटियाँ
कुछ आतीं चींटियाँ
सोच रहा हूँ
कितनी दिमाग़दार हैं चींटियाँ
अपनी रानी की
सेवादार / तीमारदार हैं चींटियाँ
विज्ञान-साहित्य ने
इन्हें भी नाम दिया है
रानी और मज़दूर चींटियाँ
अफ़सोस!
यहाँ भी
पूँजीवाद-सा भेदभाव!
एकता-शक्ति का
अनुपम उदाहरण हैं चींटियाँ
अंडा ले बिल से निकल पड़ें
तो कारण हैं चींटियाँ
लगतीं हैं अब तो
प्रवासी श्रमिकों-सीं चींटियाँ
किसी सियासी सरहद से
बेख़बर रहतीं हैं चींटियाँ
बड़े लक्ष्य
हौसले से हासिल करने
हाथ डालतीं हैं चींटियाँ
सतत प्रयत्नशील रहने का
सबक़ सिखातीं हैं चींटियाँ।
©रवीन्द्र सिंह यादव
जी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार(०८-०७-२०२०) को 'शब्द-सृजन-२८ 'सरहद /सीमा' (चर्चा अंक-३७५३) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है
--
अनीता सैनी
सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबड़े लक्ष्य
जवाब देंहटाएंहौसले से हासिल करने
हाथ डालतीं हैं चींटियाँ
सतत प्रयत्नशील रहने का
सबक़ सिखातीं हैं चींटियाँ।
वाह!!!!
सतत प्रयत्नशील रहने का सबक सबक सिखाती चीटियां
बहुत ही सुन्दर लाजवाब सृजन।
चींटियों के हर कलाप पर विहंगम दृष्टि !!
जवाब देंहटाएंअपनी रानी की
सेवादार / तीमारदार हैं चींटियाँ
विज्ञान-साहित्य ने
इन्हें भी नाम दिया है
रानी और मज़दूर चींटियाँ
अफ़सोस!
यहाँ भी
पूँजीवाद-सा भेदभाव!
पूँजी वाद पर प्रतीकात्मक प्रहार और तंज।
अभिनव सृजन।
जवाब देंहटाएंबड़े लक्ष्य
हौसले से हासिल करने
हाथ डालतीं हैं चींटियाँ
सतत प्रयत्नशील रहने का
सबक़ सिखातीं हैं चींटियाँ।
वाह ,बहुत ही बढ़िया