यह जो बरसात
आई है
हर बार की तरह
फिर इस बार
सुहानी तो बिल्कुल नहीं
कोढ़ में खुजली-सी
लग रही है इस बार
अभी बाढ़ से आई तबाही
है चर्चा में
कल सूखे की चर्चा होगी
अभी मरनेवालों की चर्चा है
कल
फ़सल-भूखे की चर्चा होगी
करोना महामारी से
जूझ रही दुनिया में
अब मौतों के आँकड़े
दबाए जा रहे हैं
वैक्सीन बनने के
समाचार
कमाऊ मंशा से
फैलाए जा रहे हैं
पीड़ित मानवता का
दम घुट रहा है
कोई दोनों हाथों से
दौलत समेट रहा है
कोई सरेआम लुट रहा है
सरकार-समाज
ज्ञान-विज्ञान
धर्म-ज्योतिष
तर्क-पाखंड
न्याय-मज़लूम
तर्क-पाखंड
न्याय-मज़लूम
सामाजिक मूल्य-अवसरवादी मूल्यविहीन अमूल्य
सभी वक़्त की कसौटी पर
अपनी-अपनी परीक्षा दे रहे हैं
फ़िलहाल
पावस ऋतु में
साफ़ हवा में
पावस ऋतु में
साफ़ हवा में
आशंकित
हम
सांस ले रहे हैं।
हम
सांस ले रहे हैं।
© रवीन्द्र सिंह यादव
जी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा रविवार (२६-०७-२०२०) को शब्द-सृजन-३१ 'पावस ऋतु' (चर्चा अंक -३७७४) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है
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अनीता सैनी
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" सोमवार 27 जुलाई 2020 को साझा की गयी है.......http://halchalwith5links.blogspot.com/ पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंवैक्सीन बनने के
जवाब देंहटाएंसमाचार
कमाऊ मंशा से
फैलाए जा रहे हैं
पीड़ित मानवता का
दम घुट रहा है
कोई दोनों हाथों से
दौलत समेट रहा है
सही कहा आपने ऐसे समय में भी कमाने के नये नये आसार अपनाये जा रहे हैं साधारण जुकाम-खाँसी को कोरोना पॉजिटिव बताकर खूब पैसे ऐंठे जा रहे गरीब जनता दोहरी मार झेल रही है......
बहुत सटीक समसामयिक सृजन।
बहुत सुंदर और सटीक रचना आदरणीय
जवाब देंहटाएंवाह बेहतरीन सृजन बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंवाह!अनुज रविन्द्र जी ,क्या खूब लिखा है । यहाँ सभी अपनी-अपनी झोली भरने में लगा है ,बेचारा आम आदमी ......।
जवाब देंहटाएंसुंदर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंसामायिक पनपती मनोवृति का सही आंकलन करती सहज सुंदर अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंसचमुच सभी अवसर का लाभ उठाने में जुटे हैं और साधारण आम कहलाने वाला हर आपदा भुगत रहा है ।
यथार्थ पर सटीक सृजन
आदरणीय सर,
जवाब देंहटाएंबहुत ही सामयिक सटीक और झकझोरती हुई कविता। सच में यह वर्षा ऋतु हर साल की तरह सुंदर नहीं।
कोरोना के आसपास हो रहे भ्र्ष्टाचार का बहुत ही सटीक वर्णन।
सुंदर रचनाओं के लिये एवम मेरा अनुरोध मैन कर मेरे ब्लॉग पर आने के लिए हृदय से आभार।