पृथ्वी के नष्ट होने कीं
भविष्यवाणियाँ
अब तक
निरर्थक साबित हुईं हैं
2012 का फोबिया याद होगा
उसके बाद भी
टीआरपी के लिए
क्या-क्या कहकर
दिशाहीन मीडिया ने
हिस्टीरिया उत्पन्न किया
कुछ तो याद होगा...
महान वैज्ञानिक
स्टीफन हॉकिंस ने
2017 में कहा था-
पृथ्वी अगले 600 वर्षों में
आग के गोले में तब्दील हो जाएगी
जिसका कारण
मानव की
आक्रामकता ठहराई जाएगी
जनसंख्या वृद्धि
ऊर्जा का अंधाधुंध प्रयोग
ग्लोबल वार्मिंग
मौसम और जलवायु परिवर्तन
न चाहते हुए मुख्य कारक बनेंगे
इन पर छोड़ दिया
दुनिया ने चिंतन
स्टीफन तो
ख़तरे की घंटी बजाकर
किसी और दुनिया में चले गए
इंसान ने अनसुनी की आवाज़
तो कोविड-19 महामारी लेकर
करोना वायरस आ गया
स्टीफंस की आवाज़ को
प्रकृति ने सुना है
या यह चीन की मानव निर्मित चाल है
हम इस जंजाल में उलझ गए।
भविष्यवाणियाँ
अब तक
निरर्थक साबित हुईं हैं
2012 का फोबिया याद होगा
उसके बाद भी
टीआरपी के लिए
क्या-क्या कहकर
दिशाहीन मीडिया ने
हिस्टीरिया उत्पन्न किया
कुछ तो याद होगा...
महान वैज्ञानिक
स्टीफन हॉकिंस ने
2017 में कहा था-
पृथ्वी अगले 600 वर्षों में
आग के गोले में तब्दील हो जाएगी
जिसका कारण
मानव की
आक्रामकता ठहराई जाएगी
जनसंख्या वृद्धि
ऊर्जा का अंधाधुंध प्रयोग
ग्लोबल वार्मिंग
मौसम और जलवायु परिवर्तन
न चाहते हुए मुख्य कारक बनेंगे
इन पर छोड़ दिया
दुनिया ने चिंतन
स्टीफन तो
ख़तरे की घंटी बजाकर
किसी और दुनिया में चले गए
इंसान ने अनसुनी की आवाज़
तो कोविड-19 महामारी लेकर
करोना वायरस आ गया
स्टीफंस की आवाज़ को
प्रकृति ने सुना है
या यह चीन की मानव निर्मित चाल है
हम इस जंजाल में उलझ गए।
© रवीन्द्र सिंह यादव
सुंदर और सराहनीय बेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार (04-08-2020) को "अयोध्या जा पायेंगे तो श्रीरामचरितमानस का पाठ करें" (चर्चा अंक-3783) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत सुंदर और सटीक रचना।
जवाब देंहटाएंहम उलझ जरूर रहे हैं पता भी है कहाँ :)
जवाब देंहटाएंसुन्दर सृजन।
सटीक है!
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