गुरुवार, 6 मई 2021

दूर... दूर... 6 फ़ीट दूर!

 

दूर... दूर... 

6 फ़ीट दूर!

करोना ने फैलाया है 

क़दम-दर-क़दम 

फ़ितूर ही फ़ितूर 

वक़्त के क़हर में

हम हुए कितने मजबूर

हँसमुख बच्चे भी 

हुए गुमसुम 

बुज़ुर्गों की ख़ैरियत 

हुई कम-से-कम 

ऑक्सीजन देनेवालों का 

बढ़ा है गुरूर!

करोना के आगे 

खड़ा हूँ सेवा में हुज़ूर!  

© रवीन्द्र सिंह यादव  

6 टिप्‍पणियां:

  1. बुज़ुर्गों की ख़ैरियत
    हुई कम-से-कम

    –सच्चाई... सजीव चित्रण

    जवाब देंहटाएं
  2. कोरोना से भयानक मेरा हाकिम हो गया आख़िर

    किसी ने तो उसे ज़ुल्मो-सितम में पीछे छोड़ा है

    जवाब देंहटाएं
  3. "करोना के आगे
    खड़ा हूँ सेवा में हुज़ूर "
    आदरणीय सर आपको और सभी करोना योद्धाओं को मेरा प्रणाम 🙏
    सत्य प्रस्तुत करती पंक्तियाँ 👌

    जवाब देंहटाएं
  4. "व़क्त के कहर में
    हम कितने मजबूर!"
    कोरोना के आगे
    खड़ा हूँ सेवा में हुज़ूर!"
    आदरणीय सर आपका बहुत बहुत आभार🙏🙏🙏🙏🙏🙏

    जवाब देंहटाएं

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