दूर... दूर...
6 फ़ीट दूर!
करोना ने फैलाया है
क़दम-दर-क़दम
फ़ितूर ही फ़ितूर
वक़्त के क़हर में
हम हुए कितने मजबूर
हँसमुख बच्चे भी
हुए गुमसुम
बुज़ुर्गों की ख़ैरियत
हुई कम-से-कम
ऑक्सीजन देनेवालों का
बढ़ा है गुरूर!
करोना के आगे
खड़ा हूँ सेवा में हुज़ूर!
© रवीन्द्र सिंह यादव
बुज़ुर्गों की ख़ैरियत
जवाब देंहटाएंहुई कम-से-कम
–सच्चाई... सजीव चित्रण
कोरोना से भयानक मेरा हाकिम हो गया आख़िर
जवाब देंहटाएंकिसी ने तो उसे ज़ुल्मो-सितम में पीछे छोड़ा है
समसामयिक रचना
जवाब देंहटाएं"करोना के आगे
जवाब देंहटाएंखड़ा हूँ सेवा में हुज़ूर "
आदरणीय सर आपको और सभी करोना योद्धाओं को मेरा प्रणाम 🙏
सत्य प्रस्तुत करती पंक्तियाँ 👌
"व़क्त के कहर में
जवाब देंहटाएंहम कितने मजबूर!"
कोरोना के आगे
खड़ा हूँ सेवा में हुज़ूर!"
आदरणीय सर आपका बहुत बहुत आभार🙏🙏🙏🙏🙏🙏
वाह।
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