रविवार, 26 अप्रैल 2020

इतिहास

इतिहास पढ़ा 

ज़्यादातर ब्यौरा 

सत्ता के 

उत्थान और पतन का

सत्ता और संपत्ति के 

हस्तांतरण का 

अमीरों की जीवनशैली 

दर्शन,कलाप्रियता,क्रूरता 

और चरित्र के क़िस्से

सामाजिक राजनीतिक वातावरण के 

पुख़्ता दस्तावेज़ 

सभ्यता-संस्कृति के बीज-वृक्ष 

कुछ शासकों की नीतियाँ 

उत्पन्न करतीं खीझ 

बहुत कुछ 

दर्ज होने से छूट गया है 

ऐसा पुरखे बताते रहे  

समृद्ध इतिहास पर गर्व है 

यह तो पुरखों की की देन है 

हमारा किया-धरा 

भावी पीढ़ियाँ पढेंगीं

मजबूरन भुगतेंगीं  

सराहेंगीं या धिक्कारेंगीं 

वक़्त तय करेगा। 

© रवीन्द्र सिंह यादव 

1 टिप्पणी:

  1. हमारा किया-धरा
    भावी पीढ़ियाँ पढेंगीं
    मजबूरन भुगतेंगीं
    सराहेंगीं या धिक्कारेंगीं
    वक़्त तय करेगा।
    बहुत सटीक और गंभीर प्रश्न हृदय से पूछती प्रभावी रचना ।

    जवाब देंहटाएं

आपकी टिप्पणी का स्वागत है.

विशिष्ट पोस्ट

मूल्यविहीन जीवन

चित्र: महेन्द्र सिंह  अहंकारी क्षुद्रताएँ  कितनी वाचाल हो गई हैं  नैतिकता को  रसातल में ठेले जा रही हैं  मूल्यविहीन जीवन जीने को  उत्सुक होत...